Sunday 21 June 2020

अमरीश पुरी बर्थ एनिवर्सरी / हीरो बनने के लिए छोड़ी थी सरकारी नौकरी, दमदार खलनायकी से कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु फिल्मों में छोड़ी अमिट छाप



अमरीश पुरीः एक विलेन जो अभिनेताओं पर भी पड़ा भारी.
अभिनेता अमरीश पुरी.जो अपने किरदारों, अपनी दमदार आवाज़ के लिए हमेशा हमेशा याद किए जाएंगे। भले ही पीढ़ियां बदलती रहेंगी लेकिन ये खलनायक हर पीढ़ी के कलाकारों को प्रोत्साहित करता रहेगा। अपने करियर में इन्होने ऐसे खलनायक के तौर पर छाप छोड़ी जिसकी आवाज़ या नाम सुनते ही दर्शक भी कांपने लग जाते थे।
आज इनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर बताते हैं आपको अभिनेता की ज़िंदगी से जुड़े कुछ खास किस्से..
एक्टर अमरीश पुरी की डेथ एनिवर्सरी
आए थे हीरो बनने किस्मत से बने खलनायक
बॉलीवुड में हर किसी का सपना हीरो बनने का होता है। वो भी इसी सपने को इंडस्ट्री में जीने के लिए आए थे। लेकिन किस्मत ने उन्हें बॉलीवुड का सबसे बड़ा खलनायक बना दिया। कहा जाता है कि अमरीश पुरी जब 22 साल के थे तो उन्होंने ऑडिशन भी दिया था हीरो के रोल के लिए लेकिन प्रोड्यूसर ने कहा कि उनका चेहरा बड़ा पथरीला सा है। और वो हीरो नहीं बन सकते।
40 साल की उम्र में की थी फिल्मों में करियर की शुरुआत
जिस उम्र तक आते आते अभिनेता अपने करियर की आधी एक्टिंग कर चुके होते हैं। अमरीश पुरी ने उस उम्र में तो इंडस्ट्री में एंट्री ली थी। वो 39 साल के थे जब उन्हें 1971 में रेशमा और शेरा फिल्म के लिए साइन किया गया।
फिल्मों में आने के लिए छोड़ी सरकारी नौतकी
अपनी पहली फिल्म से पहले पुरी जी बीमा कंपनी में सरकारी नौकरी कर रहे थे। लेकिन फिल्मों में आने के लिए उन्होने 21 साल की सरकारी जॉब को भी छोड़ दिया। कर्मचारी से लेकर ए ग्रेड के ऑफिसर बन चुके थे। लेकिन फिर भी एक्टिंग के प्रति उनका जुनून और प्यार ऐसा था कि नौकरी छोड़ दी।
मोगैंबो के लिए खुद डिज़ाइन की थी अपनी ड्रेस
इस अभिनेता को मिस्टर इंडिया में उनके द्वारा निभाए गए मोगैंबो किरदार के लिए हमेशा याद किया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस रोल के लिए उन्होने अपनी ड्रेस खुद डिज़ाइन की थी। जी हां.फिल्म के निर्माता-निर्देशक इसमें उनकी ड्रेस और लुक को लेकर क्लियर नहीं थे। लेकिन अमरीश पुरी ने अपने पर्सनल टेलर के साथ बैठकर अपनी ड्रेस को डिज़ाइन करवाया और अपने लुक को पूरा किया। फिल्म के निर्माता बोनी कपूर उनके काम से इतने खुश हुए कि उन्होने उनके टेलर को 10 हज़ार रुपए दे दिए थे।
हिंदी के अलावा साउथ में भी बनाई अलग पहचान
ये वो खलनायक थे जिन्होने हिंदी फिल्मों के साथ-साथ कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, पंजाबी और हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। हिंदी फिल्मों की तरह ही साउथ में भी उन्हे काफी पसंद किया जाता है। उन्होने अपने करियर के दौरान कुल 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।