Thursday 4 June 2020

जानिए क्यों खास हैं 5 जून को लगने वाला चंद्रग्रहण, ग्रहण काल में कर सकते हैं ये काम

5 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। 5 जून को लगने वाला यह ग्रहण कुल 3 घंटे और 18 मिनट का होगा। यह चंद्र ग्रहण रात तकरीबन सवा 11 बजे से ढाई बजे तक रहेगा। खास बात ये है कि इस ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा। ग्रहण काल में चंद्रमा कहीं से कटा हुआ होने की बजाय अपने पूरे आकार में नजर आएगा। ग्रहण काल के दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में होंगे। 
जून महीने में दो ग्रहण लगने जा रहे हैं। इसमें पहला ग्रहण 5 जून को लगेगा और दूसरा 21 जून को, 5 जून को चंद्र ग्रहण है वहीं 21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा। जून में लगने वाले ये दोनों ही ग्रहण भारत में दिखाई देंगे। 5 जून  की रात को लगने वाला ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है। उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है। हर चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य या अंग्रेजी में पेनुम्ब्रा कहा जाता है। उसके बाद ही चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे चंद्रग्रहण कहते हैं।
जब चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके ही बाहर निकलकर आता है और पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश नहीं करता है तो इस अवस्था को उपछाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इस अवस्था में चंद्रमा का बिंब काला होने की बजाए धुंधला नजर आता है।