Tuesday 26 May 2020

शनि का राशि परिवर्तन : किसके ऊपर से शनि की साढ़ेसाती होगी खत्म, किस पर होगी शुरू

साल 2020 के शुरुआती दिनों में ही सबसे ताकतवर, मारक और न्यायाधीश ग्रह शनि का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। 24 जनवरी 2020 को शनि ढाई साल के बाद राशि बदलने जा रहे हैं। शनि 24 जनवरी को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि के एक राशि से दूसरी में जाने से लोगों के जीवन पर बहुत व्यापक प्रभाव पड़ता है। शनि एक राशि में करीब ढाई साल तक भ्रमण करते हैं। शनि के राशि बदलने से कई राशियों पर इसका सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का असर होता है। शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर साढ़ेसाती शुरू हो जाती है तो वहीं कुछ की खत्म भी हो जाती है। आइए जानते है शनि के मकर राशि में गोचर होने से किस राशि पर साढ़ेसाती लगेगा और किससे उतरेगी।
किस राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
  • शनि मौजूदा समय में धनु राशि में भ्रमण कर रहे हैं। 24 जनवरी 2020 को शनि ढाई साल बाद धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के मकर राशि में प्रवेश करते ही वृश्चिक राशि से शनि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। वहीं कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती आरंभ हो जाएगी। कुंभ पर साढ़ेसाती का पहला चरण, मकर राशि पर दूसरा चरण और धनु राशि पर अंतिम चरण होगा। मिथनु और तुला राशि पर शनि की ढैय्या लग जाएगी जबकि शनि के मकर राशि में गोचर करने से वृष और कन्या राशि पर से शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी।
3 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का असर
  • धनु राशि (अंतिम चरण) - धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण रहेगा। अंतिम चरण की साढ़ेसाती धनु राशि के लिए शुभ और लाभदायक रहेगी। धन-लाभ हो सकता है। कड़ी मेहनत पर लाभ मिलने की संभावना प्रबल रहेगी।
मकर राशि ( दूसरा चरण) - मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण रहेगा। जिस कारण से काम में सफलता मिलने में देरी होगी। बीमारियों और खर्चों में बढ़ोतरी होगी। जल्दबाजी में कोई काम न करें। धैर्य का परिचय दें।
कुंभ राशि (पहला चरण)- शनि के मकर राशि में प्रवेश करने से कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो रही है। परेशानियां बढ़ेगी। काम में देरी और वाद-विवाद बढ़ेंगे। हालांकि अच्छे कर्म करने पर शनि का अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा।
2 राशियों पर शनि की ढैय्या का असर
  • मिथुन राशि- मिथुन राशि पर 24 जनवरी 2020 के बाद शनि की ढय्या शुरू हो जाएगी। जिस वजह से खर्चे अधिक होने लगेंगे। वाद-विवाद होने की संभावना तेज होगी, नौकरी और सेहत पर प्रतिकूल असर देखने को मिलेगा।