महान ऑलराउंडर कपिल देव का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी से उबरने के बाद स्कूल और कॉलेज खोलना युवा पीढ़ी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए और कुछ समय के लिए खेलों की बहाली टाली जा सकती है। इसी बीच भारत के पूर्व कप्तान ने दोहराया कि वो कोरोना वायरस से निपटने के लिए धन जुटाने की कवायद में भारत और पाकिस्तान के बीच बाइलेटरल सीरीज के शोएब अख्तर के प्रस्ताव के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अगर भारत के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने को इतना ही बेचैन है तो पहले सरहद पार से भारत विरोधी गतिविधियां बंद करे और वह पैसा नेक काम में लगाए।
उन्होंने कहा कि आप भावनाओं के वेग में बहकर कह सकते हैं कि भारत और पाकिस्तान के मैच कराए जाने चाहिए। इस समय क्रिकेट खेलना प्राथमिकता नहीं है। अगर आपको पैसा चाहिए तो सीमा पार से गतिविधियां बंद कीजिए। उन्होंने कहा कि वह पैसा अस्पतालों और स्कूलों पर लगाइए। अगर हमें पैसा चाहिए तो हमारे कई धार्मिक संगठन हैं और इस समय आगे आना उनका फर्ज है।
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में खेल रद्द हो गए हैं। कपिल ने यूट्यूब चैनल 'स्पोर्ट्स तक' से कहा कि मैं वृहत तस्वीर देख रहा हूं। क्या आपको लगता है कि इस समय बात करने के लिए क्रिकेट ही बचा है। मैं बच्चों को लेकर चिंतित हूं जो स्कूल और कॉलेज नहीं जा पा रहे। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि पहले स्कूल खुलें। क्रिकेट और फुटबॉल बाद में होते रहेंगे।