Thursday 23 April 2020

13 साल से CSK के इंतजार में दिनेश कार्तिक, धोनी के चुने जाने पर हुए थे सबसे ज्यादा दुखी


महेंद्र सिंह धोनी के 2004 में डेब्यू के साथ ही दिनेश कार्तिक उनकी छाया में दबने लगे थे। तमिलनाडु के डोमेस्टिक प्लेयर होने के बावजूद जब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने दिनेश कार्तिक की जगह महेंद्र सिंह धोनी को चुना तो उनके दिल में इस बात का बेहद दर्द हुआ था। कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक आईपीएल के सफर में कई टीमों के साथ जुड़े, लेकिन उन्हें कभी चेन्नऊ सुपर किंग्स के साथ खेलने का मौका नहीं मिला।
आईपीएल इतिहास में दिनेश कार्तिक सफल खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। वह छह आईपीएल फ्रेंचाइजीज के लिए खेल चुके हैं, लेकिन अपनी होम टाउन टीम में उन्हें कभी जगह नहीं मिल पाई। तमिलनाडु से आने वाले इस खिलाड़ी ने दुनिया में अपनी पहचान बनाई, लेकिन तमिलनाडु के साथी खिलाड़ी- मुरली विजय और रविचंद्रन अश्विन की तरह उन्हें कभी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलने का सौभग्य नहीं मिला।

दिनेश कार्तिक ने क्रिकबज के शो में बात करते हुए बताया कि आईपीएल के सबसे पहले ऑक्शन में उन्हें उम्मीद थी कि वह सीएसके के साथ जुड़ेंगे। कार्तिक तीनों फॉर्मैट मे भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा थे और अकेले ऐसे खिलाड़ी थे, जो तमिलनाडु से थे। दिनेश कार्तिक ने कहा, ''मुझे यकीन था कि चेन्नई सुपर किंग्स मुझे चुनेगा, लेकिन यह नहीं पता था कि मुझे सीएसके का कप्तान बनाया जाएगा या नहीं।''
उन्होंने बताया, ''2008 में जब ऑक्शन चल रहा था, मैं ऑस्ट्रेलिया में था। उस वक्त मुझे भरोसा था कि मैं देश और चेन्नई दोनों के लिए खेल रहा हूं इसलिए सीएसके मुझे चुनेगी। लेकिन मेरे दिमाग में बस यही सवाल घूम रहा था कि मुझे कप्तान बनाया जाएगा या नहीं।''

दिनेश कार्तिक के भरोसे से उलट पहले ऑक्शन में चेन्नई सुपर किंग्स ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर 6 करोड़ रुपये में महेंद्र सिंह धोनी को खरीदा। 34 साल के विकेटकीपर-बल्लेबाज ने बताया कि ऑक्शन के वक्त धोनी उनके ही साथ थे। उन्होंने मुझसे कहा कि, उन्हें ऐसा लगता है कि तुम्हें बाद में चुना जाएगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हो पाया। पहले ऑक्शन से अब तक 13 साल हो गए हैं और दिनेश कार्तिक को चेन्नई सुपर किंग्स के बुलावे का इंतजार है, लेकिन उन्हें सीएसके ने कभी नहीं चुना।
उन्होंने कहा, ''चेन्नई सुपर किंग्स ने जिस नाम को सबसे पहले चुना, वह था- महेंद्र सिंह धोनी। धोनी को 6 करोड़ रुपये में खरीदा गया, वह मेरे हर वक्त मेरे साथ ही थे, लेकिन उन्होंने मुझे कभी नहीं बताया कि सीएसके ने उन्हें चुन लिया है। शायद वह भी नहीं जानते होंगे। लेकिन इस बात का मुझे सबसे ज्यादा दुख हुआ था। मुझे लगा कि वह मुझे बाद में चुन लेंगे। लेकिन अब 13 साल हो गए हैं और मैं आज भी सीएसके के बुलावे का इंतजार कर रहा हूं।''