Thursday 23 April 2020

क्रिकेट इतिहास के चार बेहतरीन खेल भावना वाले पल, जिसने दर्शकों की आंखों में आंसू भर दिए


क्रिकेट को हमेशा से ही एक जेंटलमैन का खेल माना जाता है। क्रिकेट के मैदान पर टीमों के खिलाड़ी ज्यादातर एक दूसरे के साथ बेहद ही शालीन भाव से पेश आते हैं। इसमें जब दो टीमें आपस में मुकाबले के लिए उतरती हैं, तो माहौल में दोनों तरफ से आक्रमकता की हवा भर जाती है। क्योंकि यह एक खेल है, हार-जीत का सिलसिला चलता रहता है, लेकिन खिलाड़ी मुकाबले के बीच खेल भावना को कभी नहीं भूलते। खिलाड़ियों की यह भावना इस खेल की खूबसूरती को और निखार देती है। आइए जानते हैं क्रिकेट जगत के इतिहास के चार बेहतरीन खेल भावना वाले पलों के बारे में...।
विराट कोहली-स्टीव स्मिथ
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का आक्रमक अंदाज अक्सर मैदान में दिखाई देता है। हालांकि 2019 के विश्व कप में अपने विरोधी टीम के खिलाड़ी के लिए विराट ने शानदार तरीके से खेल भावना का परिचय दिया था। बैन झेलकर 2019 के विश्व कप में वापसी कर रहे ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को भारत के खिलाफ जनता के क्रोध का सामना करना पड़ा था। बाउंड्री पर फील्डिंग करते समय स्मिथ को दर्शक परेशान कर रहे थे। बल्लेबाजी कर रहे विराट को प्रशंसकों का यह स्वभाव बिल्कुल पसंद नहीं आया। उन्होंने नॉन स्ट्राइक पर खड़े होते हुए स्मिथ के लिए प्रशंसकों से ताली बजाने की गुहार की थी।
केन विलियमसन-कार्लोस ब्रैथवेट
2019 विश्व कप के फाइनल तक पहुंचने वाली न्यूजीलैंड टीम के कप्तान केन विलियमसन के स्वभाव ने वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच में सबका दिल जीत लिया था। विश्व कप के लीग मैच में वेस्टइंडीज की टीम कीवी टीम से पांच रन से हार गई। विंडीज को सात रन की जरूरत थी और क्रीज पर खड़े कार्लोस ब्रेथवेट छक्का मारने की कोशिश में आउट हो गए। इसके बाद निराश ब्रेथवेट वहीं पिच पर बैठ गए। उनको देखकर न्यूजीलैंड के कप्तान विलियमसन उनके पास पहुंचे। उन्होंने ब्रेथवेट को संभाला और सांत्वाना दी।
एडम गिलक्रिस्ट
2003 विश्वकप में श्रीलंका से खेलते हुए अरविन्द डी सिल्वा के खिलाफ एडम गिलक्रिस्ट ने शॉट खेला, जिस पर बल्ले का किनारा लगने की वजह से सीधा गेंद विकेटकीपर के हाथ में गई। श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने अपील की, लेकिन अंपायर ने आउट नहीं दिया, इसके बावजूद एडम गिलक्रिस्ट खुद पवेलियन की तरफ चल दिए और उनके इस फैसले ने सबका दिल जीत लिया।
एंड्रयू फ्लिंटॉफ-ब्रेट ली

2005 में खेली गई एशेज सीरीज में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बीच खूब नोंक-झोक हुई थी, लेकिन एक मैच के दौरान एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने खेल भावना दिखाते हुए सबका दिल जीत लिया था। ब्रेट ली की एक बेहतरीन पारी की बदौलत नौ विकेट गिरने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए मात्र तीन रन की दरकार थी। हालांकि इस दौरान उनके साथी खिलाड़ी माइकल कास्प्रोविच ने अपना विकेट गंवा दिया और ऑस्ट्रेलिया दो रन से मुकाबला हार गया। हार के बाद हताश होकर पिच पर बैठे ली के पास इंग्लैंड के तेज गेंदबाज फ्लिंटॉफ गए और जाकर उन्होंने ली को सहानुभूति दी जिसने सबका दिल जीत लिया था।