भोपाल। सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में खेले जाने वाले महिला वलर्ड कप क्रिकेट का सेमीफाइनल मुकाबला बारिश के कारण रद्द हो जाने के साथ ही टीम इंडिया पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई है। टीम को फाइनल तक लाने में देश की हर महिला खिलाड़ी ने जमकर मेहनत की है।
इन्हीं खिलाड़ियों में से एक है मध्यप्रदेश के शहडोल की पूजा वस्त्रकार..., जिन्होंने इस टीम में अपनी जगह बनाकर न केवल देश में मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है, बल्कि अपनी मेहनत से लोगों का ध्यान भी अपने खेल की ओर आकर्षित करने में सफल रहीं हैं।
25 सितंबर 1999 को जन्मी पूजा वर्तमान में 20 वर्ष की हैं, ये मुख्य रूप से राइट-आर्म मीडियम गेंदबाज हैं, लेकिन पूर्व में ये अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के चलते भी अपने खेल की ओर ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर चुकी हैं। यह दाएं हाथ से बल्लेबाजी करतीं हैं।
इसलिए रहीं विशेष निगाह...
दरअसल महिला क्रिकेट वल्र्ड कप से पहले 20 साल की पूजा वस्त्राकर टी 20 मैचों में 105 रन बनाने के साथ ही 16 विकेट भी ले चुकी है। उनकी इस खूबी के चलते ही इस बार के वल्र्ड् कप में उन पर सबकी विशेष निगाह बनी हुई है।
दरअसल महिला क्रिकेट वल्र्ड कप से पहले 20 साल की पूजा वस्त्राकर टी 20 मैचों में 105 रन बनाने के साथ ही 16 विकेट भी ले चुकी है। उनकी इस खूबी के चलते ही इस बार के वल्र्ड् कप में उन पर सबकी विशेष निगाह बनी हुई है।
ऐसे समझें कौन हैं पूजा वस्त्राकर...
पूजा वस्त्राकर अब तक 06 वनडे मैच व 20 टी20 मैच खेल चुकी हैं। भारत की ओर से इनकी भूमिका गेंद बाजी की रही है, यह बॉलिंग राइट-आर्म मीडियम गेंदबाज हैं। वहीं इससे पहले वर्ष 2018 में जो भारतीय महिला क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में खेला गया था, वहां वे अपनी बैंटिंग का भी जोहर दिखा चुकी हैं।
पूजा वस्त्राकर अब तक 06 वनडे मैच व 20 टी20 मैच खेल चुकी हैं। भारत की ओर से इनकी भूमिका गेंद बाजी की रही है, यह बॉलिंग राइट-आर्म मीडियम गेंदबाज हैं। वहीं इससे पहले वर्ष 2018 में जो भारतीय महिला क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में खेला गया था, वहां वे अपनी बैंटिंग का भी जोहर दिखा चुकी हैं।
पूजा वस्त्राकर एक भारतीय क्रिकेटर हैं। वह मध्य प्रदेश और मध्य क्षेत्र के लिए खेलती हैं। उन्होंने 9 मार्च 2013 को ओडिशा के खिलाफ एक ट्वेंटी 20 मैच में प्रमुख घरेलू क्रिकेट में पदार्पण किया। वह पेशेवर क्रिकेटर हैं जिन्होंने शहडोल संभागीय क्रिकेट संघ के लिए खेला है।
रचा था वर्ल्ड रिकॉर्ड : 9वें नंबर बल्लेबाजी करते हुए 56 गेंदों पर बनाए थे शानदार 51 रन...
इस मैच (भारतीय महिला क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच) के दौरान जो नागपुर में खेला गया था, के पहले वन-डे में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर का यह फैसला सही साबित नहीं हुआ और टीम की शुरूआत बेहद खराब रही थी।
इस मैच (भारतीय महिला क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच) के दौरान जो नागपुर में खेला गया था, के पहले वन-डे में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर का यह फैसला सही साबित नहीं हुआ और टीम की शुरूआत बेहद खराब रही थी।
इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज तेजी से विकेट लेते रहे। जिसके कारण भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्मृति मंधाना (12 रन), कप्तान हमनप्रीत कौर (9रन), वेदा कृष्णमूर्ति (16रन) और दीप्ति शर्मा (18 रन) जल्द ही पवेलियन लौट गए। ऐसे में लग रहा था मानो टीम इंडिया का स्कोर 150 रन तक भी नहीं पहुंच पाएगा।
इसके बावजूद भारतीय टीम के अंतिमपंक्ति की महिला बल्लेबाजों ने हार नहीं मानी और टीम का स्कोर 200 रन तक पहुंचाया। इसमें उस समय 18 साल की रहीं पूजा वस्त्राकर ने अहम भूमिका निभाते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस मैच में पूजा ने अपने बल्ले से वह कारनामा कर दिखाया जिसे 45 साल के महिला क्रिकेट इतिहास में आज तक कोई नहीं कर पाया था।
इसके बावजूद भारतीय टीम के अंतिमपंक्ति की महिला बल्लेबाजों ने हार नहीं मानी और टीम का स्कोर 200 रन तक पहुंचाया। इसमें उस समय 18 साल की रहीं पूजा वस्त्राकर ने अहम भूमिका निभाते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस मैच में पूजा ने अपने बल्ले से वह कारनामा कर दिखाया जिसे 45 साल के महिला क्रिकेट इतिहास में आज तक कोई नहीं कर पाया था।
दरअसल पूजा ने इस मैच में 9वें नंबर बल्लेबाजी करते हुए 56 गेंदों पर 51 रन की शानदार पारी खेली। उनसे पहले इस क्रम पर न्यूजीलैंड की लुसी डूलन ने 2009 में इंग्लैंड के खिलाफ 48 रन की पारी खेली थी और महज 2 रन से अपना अर्धशतक लगाने से चूक गई थीं।
पूजा से जुड़ी कुछ खास बातें...
पूजा अपने छह भाई-बहनो में सबसे छोटी हैं और उनका ज्यादातर बचपन सचिनतेंदुलकर और विरेंद्र सहवाग को टीवी पर बैटिंग करते हुए देख कर गुजरा है। पूजा अपने परिवार की एकलौती ऐसी महिला नहीं हैं, जिन्होंने देश या प्रदेश का नाम ऊंचा किया हो, पूजा की बड़ी बहन ऊषा वस्त्राकर भी नेशनल एथलीट हैं।
पूजा अपने छह भाई-बहनो में सबसे छोटी हैं और उनका ज्यादातर बचपन सचिनतेंदुलकर और विरेंद्र सहवाग को टीवी पर बैटिंग करते हुए देख कर गुजरा है। पूजा अपने परिवार की एकलौती ऐसी महिला नहीं हैं, जिन्होंने देश या प्रदेश का नाम ऊंचा किया हो, पूजा की बड़ी बहन ऊषा वस्त्राकर भी नेशनल एथलीट हैं।
पापा की लाडली....
अपने पिता की सबसे लाडली बेटी होने के कारण पूजा को अपनी फैमली से पूरा सपोर्ट मिला। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत अंडर-14 क्रिकेट से की थी। एक इंटरव्यू में पूजा ने बताया था कि उनके पिता ने उन्हें हमेशा से ही सपोर्ट किया और हर वक्त कहा करते थे कि ‘खेलोगे कूदोगे बनोगे नवाब’। पूजा टीम में एक ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं, वैसे तो उन्हें बैटिंग का शौक था, लेकिन एक मैच के दौरान जब उन्हें बॉलिंग की तो चयनकर्ताओ की नजर उनकी बॉलिंग पर पड़ी और तब से वह टीम की बॉलर बन गई।
अपने पिता की सबसे लाडली बेटी होने के कारण पूजा को अपनी फैमली से पूरा सपोर्ट मिला। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत अंडर-14 क्रिकेट से की थी। एक इंटरव्यू में पूजा ने बताया था कि उनके पिता ने उन्हें हमेशा से ही सपोर्ट किया और हर वक्त कहा करते थे कि ‘खेलोगे कूदोगे बनोगे नवाब’। पूजा टीम में एक ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं, वैसे तो उन्हें बैटिंग का शौक था, लेकिन एक मैच के दौरान जब उन्हें बॉलिंग की तो चयनकर्ताओ की नजर उनकी बॉलिंग पर पड़ी और तब से वह टीम की बॉलर बन गई।