Sunday 5 July 2020

59 चीनी ऐप बैन होने के बाद चीन का आया रिएक्शन, कहा- भारत अपना फैसला पलटे



चीन ने भारत में 59 चीनी ऐप पर रोक लगाने के फैसले को 'पक्षपातपूर्ण'बताया है। चीन ने भारत से अपने इस फैसले को पलटने और रोक हटाने की मांग की है। भारत ने सोमवार को चीन से संबंधित 59 ऐप को देश की संप्रभुता तथा अखंडता के लिए खतरा बताते हुए उन पर रोक लगा दी थी। उसके बाद चीन से कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही थी। भारत द्वारा चीन की जिन ऐप पर रोक लगाई गई है उनमें टिकटॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल हैं,जो भारत में काफी लोकप्रिय हैं। पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच यह रोक लगाई है। इस तरह की खबरों कि दोनों देश अपने आयात नियमनों को मजबूत कर रहे हैं और एक-दूसरे के वस्तुओं के निर्यात को 'दबाने'का प्रयास कर रहे हैं, चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि चीन ने भारतीय उत्पादों और सेवाओं के खिलाफ किसी तरह का अंकुश लगाने का कदम नहीं उठाया है।
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मंत्रालय की वेबसाइट पर डाले गए वक्तव्य के अनुसार, फेंग ने कहा, ''सबसे पहले तो मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि चीन ने भारतीय उत्पादों और सेवाओं के खिलाफ किसी तरह का अंकुश लगाने या पक्षपातपूर्ण कदम नहीं उठाया है।'' फेंग ने कहा कि भारत ने जो कदम उठाया है कि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ के नियमों के खिलाफ है। प्रवक्ता ने यह भी उम्मीद जताई कि भारत जल्द चीन और चीनी उपक्रमों के खिलाफ पक्षपात व्यवहार के अपने कदम में 'सुधार'करेगा। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन एप पर रोक की घोषणा करते हुए इनकी गतिविधियों को देश की संप्रभुता और अखंडता, रक्षा और सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। मंत्रालय ने कहा था कि इस फैसले से भारत के करोड़ों मोबाइल और इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं के हितों का संरक्षण किया जा सकेगा। इससे फैसले से देश के साइबर क्षेत्र की सुरक्षा और अखंडता भी सुनिश्चित हो सकेगी।
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सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा था कि उसने विभिन्न स्रोतों से इस बारे में शिकायतें मिली हैं। इसके अलावा उसे एंड्रॉयड और ओओएस मंचों पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग की जानकारी भी मिली है। इनके जरिये अनधिकृत तरीके से डेटा की चोरी की जा रही है और उसे देश के बाहर स्थित सर्वरों को भेजा जा रहा है। फेंग ने कहा, 'चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक सहयोग की सफलता दोनों पक्षों की सरकारों और उपक्रमों के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है और यह दोनों देशों कें बुनियादी हितों को पूरा करता है।'' उन्होंने कहा कि चीन सभी क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करने को काफी महत्व देता है। उन्होंने उम्मीद जताई दोनों पक्ष बीच में एक-दूसरे से मिलकर दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आर्थिक और व्यापार सें संबंधित सहमति को लागू करने का प्रयास करेंगे।