Wednesday 8 July 2020

सावन में उपवास करने से मिलता है 52 सोमवार व्रत के बराबर फल, इन राशियों पर रहती है शिव कृपा

शिव पूजन के लिए सावन का महीना बहुत ही खास माना जाता हैं। ज्योतिषशास्त्र में ऐसा कहा जाता हैं कि जो लोग सावन महीने में सोमवार का व्रत रखते हैं उन्हें शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं ज्योतिष के मुताबिक सावन के सभी सोमवार व्रत करने से साल के सभी 52 सोमवार व्रत करने का फल भक्तों को प्राप्त होता हैं तो आज हम आपको सावन के सोमवार व्रत का महत्व और उसके फल के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
सावन के पहले सोमवार के दिन उत्तराषाढ़ नक्षत्र और वैधता योग हैं चंद्रमा की स्थिति मकर राशि गत हैं यह आर्थिक नजरिएं से पूर्ण सफलता और अनुकूलता प्रदान करने वाला हैं। श्रावण का प्रथम सोमवार कारोबार वृद्धि और नौकरी में प्रमोशन और भौतिक सुख सपंन्नता की नजरिए से उत्तम माना जाता हैं
यह सोमवार अमूय धरोहर हैं। सावन के दूसरे सोमवार के दिन रेवती और अश्विनी नक्षत्र हैं चंद्रमा की स्थिति मीन और मेष राशिगत हैं सुकर्मा नामक योग हैं पारिवारिक कलह को दूर करने के लिए इस सोमवार के व्रत का अत्यंत महत्व होता हैं इस दिन के व्रत से घर में स्थित गृहछोष का भी निवारण हो जाता हैं और आश्चर्य जनक भाग्योदय भी होता हैं।
तीसरे सोमवार के दिन अमावस्या तिथि, पुनर्वसु नक्षत्र और हर्षण योग हैं चंद्रमा को स्थिति सौम्य राशि मिथुन राशिगत हैं। सौम्य योग होने के कारण इस दिन जो भी अर्चना पूजन होगा। उसका प्रतिुल उत्तम ही होगा। इस दिन के व्रत से अखंड सौभाग्य का योग बनेगा।
चौथा सोमवार वाले दिन सप्तमी तिथि चित्रा नक्षत्र और साध्य योग हैं इस दिन भी चंद्रमा की स्थिति सौम्य राशि तुला पर हैं। इस दिन व्रत और शिवार्चन से भविष्य में आने वाली अड़चने दूर हो जाती हैं। पांचवां सोमवार वाले दिन सप्तमी तिथि, चित्रा नक्षत्र और साध्य योग हैं इस दिन भी चंद्रमा की स्थिति सौम्य राशि तुला पर हैं। इस दिन के व्रत और शिवार्चन से भविष्य में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं।