Wednesday 8 July 2020

कानपुर एनकाउंटर मामले में चौकाने वाला खुलासा, घटना से 2 दिन पहले हुई थी एसओ चौबेपुर-विकास दुबे की हाथापाई


कानपुर एनकाउंटर में लगातार एक के बाद एक खुलासे सामने आ रहे हैं। इसी मामले में एक और बड़ा तथ्य सामने आया है। मीडिया रिपोर्टस में इस बात का जिक्र किया गया है कि एनकाउंटर से दो दिन पहले बुधवार को चौबेपुर एसओ हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर पूछताछ करने पहुंचे थे। जिस दौरान विकास दुबे और एसओ चौबेपुर विनय तिवारी के बीच हाथापाई हुई थी। जिसके बाद एसओ ने वहां से वापस होने में ही भलाई समझी। इसके बाद गुरुवार को राहुल की तहरीर पर विकास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। राहुल ने आरोप लगाया था कि विकास दुबे ने उसके ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन पर जबरन बैनामा कर कब्जा कर लिया था। इस बाबत उन्होंने विकास के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर किया था और इसे वापस लेने का दबाव बनाने के लिए ही विकास दुबे, सुनील, बाल गोविंद, अमर दुबे और शिवम दुबे ने उसे 1 जुलाई को बंधक बनाकर पीटा था।
दयाशंकर ने किया खुलासा, दबिश से पहले आया था थाने से फोनइसी घटना के बाद गुरुवार-शुक्रवार रात को पुलिस दबिश देने पहुंची थी। वहीं दबिश वाले दिन को लेकर भी पुलिस की ओर से गिरफ्तार किये गये दयाशंकर अग्निहोत्री की ओर से खुलासा किया गया है। दयाशंकर ने बताया है कि विकास के पास रात तकरीबन 8.30 बजे ही यह सूचना आ गयी थी कि पुलिस छापा मारने वाली है। जिसके बाद विकास ने दयाशंकर को यह आदेश दिया कि वह घऱ के सभी खिड़की दरवाजे बंद कर दे। इसी के साथ वह स्वंय बदमाशों का इंतजाम करने के लिए चला गया। तकरीबन 1 घंटे के बाद विकास अपने साथ 50 असलहाधारियों को लेकर वापस लौटा। जिसके बाद उन सभी ने देर रात पुलिस से मोर्चा लेते हुए 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
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फेल हो गया पुलिस का खूफियातंत्रकानपुर में जिस वक्त पुलिस विकास दूबे के घर दबिश देने गयी उस समय पुलिस के खूफियातंत्र की बड़ी चूक सामने आई। कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस जिस विकास दुबे को पकड़ने गयी थी उसका आपराधिक इतिहास काफी लंबा रहा है। इसी के साथ उसे गांव में पुलिस की भारी टीम पहुंचने की सूचना मिल गयी थी जिसके चलते ही गांव में घुसने वाले रास्ते पर जेसीबी खड़ी कर दी गयी थी। इसी के साथ मनबढ़ बदमाशों ने घरों की छतों से फायरिंग की और पुलिसकर्मियों के मृत होने पर उनके हथियार लूटकर फरार हो गये। घटना को लेकर सवाल उठता है कि जिस दौरान पुलिस दबिश से पहले गांव के रास्ते पर जेसीबी खड़ा कर रहे थे उस समय स्थानीय खुफिया तंत्र(LIU) कहां था। इसी के साथ रातोरात जेसीबी रास्ते पर खड़ी हो गयी और भारी संख्या में असलहा विकास दुबे के पास पहुंच रहा था तो खुफिया विभाग कहा था।
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पुलिसकर्मियों के शव भी जलाने के फिराक में था विकासएनकाउंटर के बाद एक ओर तथ्य मीडिया रिपोर्टस में निकलकर सामने आई कि पुलिसकर्मियों को मारने के बाद गांव में ही उनके शवों को जलाने की भी तैयारी थी। इसके लिए मृत पुलिसकर्मियों के शवों के ढेर लगा दिये गये थे। वहीं इस दौरान पुलिस की गाड़ियों को फूंकने का भी पूरा प्लान तैयार था। हालांकि यह सब होने से पहले ही भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया और बदमाश फरार हो गए।
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