Sunday, 12 July 2020

श्रावण मास 2020: शनिदेव ही नहीं बल्कि भगवान शिव को भी चढ़ाए जाते हैं शमी के पत्ते

महादेव का प्रिय मास श्रावण 6 जुलाई से आरंभ हो चुका हैं वही सावन में भक्त शिव को प्रसन्न करने के लिए अलग अलग उपाय और चीजे अर्पित करते हैं ​शिवपुराण में भी शिव जी को पुष्प पत्तियां चढ़ाने का विशेष महत्व होता हैं। हम सभी को यह पता हैं कि शिव जी को हरी भांग और बिल्व पत्र चढ़ाए जाते हैं
जो शिव को प्रिय भी हैं मगर शिव को बेलपत्र के अलावा शमी के पत्ते भी चढ़ा सकते हैं वैसे तो शमी को शनि महाराज का वृक्ष माना जाता हैं मगर इसके पत्ते शिव जी और श्री गणेश को भी अर्पित किया जा सकता हैं। तो आज हम आपको शमी के पेड़ का महत्व और इसके फायेद आपको बताने जा रहे हैं तो आइए जानते है।
शमी के पेड़ को पूजनीय माना जाता हैं ऐसा कहा जाता हैं कि जब भगवान श्रीराम लंका से विजय प्राप्त करके आए थे तो उन्होंने भी शमी के पेड़ का पूजन किया था। मान्यता यह भी हैं कि महाभारत के समय में जब पांडवों को अज्ञातवास दिया गया तो उन्होंने अपने अस्त्र शस्त्र शमी के पौधे में ही छिपाए थे। इसलिए इसका और भी अधिक महत्व माना जाता हैं।
श्रावण मास में सुबह शिव मंदिर में जाकर तांबे के पात्र में गंगाजल सफेद चंदन, चावल, आदि मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें। अभिषे करते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करें। जब अभिषेक कर लें। तब शिव जी को बिल्व पत्र, सफेद वस्त्र, जनेउ, चावल, प्रसाद के साथ शमी के पत्ते भी अर्पित करें। शमी के पत्ते अर्पित करते वक्त मंत्र भी बोलते रहना चाहिए।