
21 जून, 2020 रविवार को इस साल का इकलौता सूर्य ग्रहण लगने जा रहा हैं। इस खगोलीय घटना का ज्योतिष और शास्त्रों में बड़ा महत्व माना गया हैं। इसके सूतक के दौरान कई सावधानियां रखने की बात की जाती हैं। लेकिन इसी के साथ ही क्या आप यह जानते हैं कि ग्रहण आने वाले शुभ और अशुभ भविष्य के संकेत देता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको ग्रहण से जुड़े शकुन-अपशकुन की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
- मेघ वर्षा के उपरांत इंद्रधनुष के दर्शन मंगल की सूचना देता है।
- उषाकालीन सूर्य के दर्शन न होना अमंगलकारी माना गया है।
- मेघ वर्षा के उपरांत इंद्रधनुष के दर्शन मंगल की सूचना देता है।
- उषाकालीन सूर्य के दर्शन न होना अमंगलकारी माना गया है।
- यात्रा के समय वायु का अवरुद्ध गति से प्रवाह अपशकुन माना गया है। - सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय निद्रा निमग्न होना, आलस्य की प्रतीति अशुभ एवं अमंगल की सूचक है।
- सूर्य के आकार का धनुषाकार रूप में दिखाई देना अपशकुन कहा गया है।
- गंदे जल या विकृत पदार्थों में यदि सूर्य का बिंब नजर आता है तो ऐसा दुर्भाग्य की सूचना देता है।
- सूर्य के आकार का धनुषाकार रूप में दिखाई देना अपशकुन कहा गया है।
- गंदे जल या विकृत पदार्थों में यदि सूर्य का बिंब नजर आता है तो ऐसा दुर्भाग्य की सूचना देता है।
- किसी पुण्य स्थल पर स्नान और जप करने से सूर्य तथा चंद्रग्रहण के दोष से मुक्ति मिलती है।
- सूर्य तथा चंद्रग्रहण के अवसर पर सरोवर स्नान की महिमा कही गई है।
- सूर्य का चंद्र की भांति दिखाई देना अशुभ एवं मृत्युसूचक माना गया है।
- सूर्य तथा चंद्रग्रहण के अवसर पर सरोवर स्नान की महिमा कही गई है।
- सूर्य का चंद्र की भांति दिखाई देना अशुभ एवं मृत्युसूचक माना गया है।