
हमारे हिन्दू समाज ने जनेऊ धारण करने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है। वैसे तो ब्राह्मण के साथ साथ ये जनेऊ को कोई भी धारण कर सकता है लेकिन एक बात बता दें की जो भी व्यक्ति जनेऊ धारण करता है। उस व्यक्ति पर कुछ नियम लागू हो जाते है जिसे मानना जरुरी होता है।
जनेऊ धारण करने के नियम और फायदे:
1.
मल विसर्जन के पश्चात् अच्छी तरह से अपने आप की सफाई करके ही वह जनेऊ को
कान से उतार सकता है, ये सफाई उसे दन्त, पेट, मुँह, जीवाणुओं के रोगों से
मुक्ति दिलाता है।
2. जनेऊ धारण करने वाला व्यक्ति गलत कामों पर
ध्यान नहीं देता क्योंकि इसे धारण करने के पश्चात जनेऊ हमारे दिमाग को सचेत
करता रहता है कि क्या सही है और क्या गलत।3. कान पर जनेऊ रखने और कसने से दिमाग की नसें एक्टिव होती है जिसका सीधा संबंध स्मरण शक्ति से होता है और उसमे बढ़ोतरी होती जाती है, दिमाग तेज़ दौड़ने लगता है।
4. जनेऊ धारण करने वाले मनुष्य के आस पास बुरी आत्माओं का वास होना असंभव हो जाता है तथा आत्माएं इन लोगो के पास भटक भी नहीं सकती है।