Friday 19 June 2020

वजन नियंत्रित रहने पर बढ़ेगी इम्यूनिटी, इन मसालों के सेवन से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता


इन दिनों लॉकडाउन की वजह से घूमना-फिरना कम हो पाता है और आप अपने वेट कंट्रोल प्रोग्राम के डिस्टर्ब होने से परेशान हैं तो घर में एक्सरसाइज और योगासन के साथ-साथ इन मसालों के सेवन की मदद से भी आप वेट कंट्रोल कर सकते हैं। इन मसालों के सेवन से आपको दोहरा लाभ मिलेगा क्योंकि ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी भी बढ़ाएंगे।
काली मिर्च: आयुर्वेद में काली मिर्च को कटुरस प्रधान और तीक्ष्ण स्वाद वाली कफ-वात नाशक औषधि माना गया है। यह भोजन का स्वाद बढ़ाने वाली, कृमिनाशक और ज्वरनाशक भी मानी गई है। इसमें फैट बर्निंग के गुण भी मौजूद हैं। कई शोधों के नतीजों में प्रमाणित हो चुका है कि इसमें मौजूद पेपरिन फैट सेल की ग्रोथ नहीं होने देते। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं। काली मिर्च पसीने के माध्यम से शरीर में मौजूद वेस्ट प्रोडक्ट का भी उत्सर्जन करती है। आयुर्वेद विशेषज्ञ इसे एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण भी खूब पसंद करते हैं इसके सेवन से आपको स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।
दालचीनी: दालचीनी प्रायः घर-घर घर की रसोई में मिल जाती है। यह कफ-खांसी नाशक, उष्ण तासीर वाली हर्ब है। दालचीनी के सेवन से व्यक्ति को बार-बार भूख नहीं लगती। जिससे वह ओवर ईटिंग से बच सकता है और वेट कंट्रोल प्रोग्राम आसानी से सफल हो सकता है। इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। साथ ही यह खून से खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल का लेवल कम कर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ाता है। इससे भी वेट कंट्रोल होता है और कोरोनरी हार्ट डिजीज का जोखिम भी कम होता है।
हल्दी: हम दालों और सब्जियों में हल्दी जरूर डालते हैं। यह कफ नाशक है, स्वाद में तीखी और कटुरस युक्त हल्दी को फैट रिडक्शन के लिए अत्यधिक उपयोगी माना गया है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करके रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करता है। साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं।
जीरा: कई व्यंजनों में तड़का लगाने की प्रक्रिया जीरे बिना पूरी नहीं हो सकती। पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में इसकी बड़ी भूमिका होती है। यह पित्त वर्धक, वातनाशक हाजमे में सहायक और आंखों के लिए भी उपयोगी माना जाता है। यह जठराग्नि को मेंटेन करते हुए शरीर में अवांछित फैट को जमने से रोकता है। जीरे का सेवन वजन कम करने में भी मददगार है, यह बॉडी से फैट और कॉलेस्ट्रोल कम करता है, जीरा एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सिडेंट है और साथ ही यह सूजन को कम करने और मांसपेशियों को आराम पहुचांने में कारगर है, इसमें फाइबर भी पाया जाता है और यह आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स का अच्छा सोर्स भी है, इसमें विटामिन ई, ए, सी और बी-कॉम्प्लैक्स जैसे विटामिन भी खासी मात्रा में पाए जाते हैं।
अदरक : आयुर्वेद में शरीर में चर्बी इकट्ठा होने की एक बड़ी वजह कफ की वृद्धि को माना गया है। जिन लोगों में इस कारण से फैट जमा हुई है, उनके लिए अदरक का सेवन काफी फायदेमंद माना गया है। अदरक पेंक्रियाटिक एंजाइम की तरह काम करती है, जिससे खाने का पाचन सुचारू रूप से होता है और अनावश्यक फैट इकट्ठा नहीं होता।
सरसों : सरसों को मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जाना जाता है। इसमें मौजूद नियासिन जो निकटीनामाइड को एंजाइम का अंश है, ब्लड कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड कम करने में सहायक है।
मेथी: मेथी को आयुर्वेद में वातनाशक, श्लेष्मानाशक और ज्वरविनाशकारी माना जाता है। इसमें थियामिन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन बी,ई होते हैं। वजन कम करने के लिए रात भर मेथी को पानी में भिगोएं और उस पानी को रोज सुबह पीएं।