
एमएस धोनी और गौतम गंभीर दो एकदम विपरीत व्यक्तित्व वाले क्रिकेटर रहे हैं। धोनी को मैच की कैसी भी परिस्थिति होने पर भी उनके शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है। जो आमतौर पर अपना आपा नहीं खोते हैं। वहीं गौतम गंभीर एकदम उलट हैं। वह मैदान में परिस्थितियों के अनुसार अपनी भावनाएं दिखाने से नहीं चूकते हैं। ये दोनों एकदम अलग व्यक्तित्व वाले खिलाड़ी होने के बावजूद अपने समय के महान कप्तानों में से रहे हैं।
तीन आईसीसी ट्रॉफियां-2007 टी20 वर्ल्ड कप, 2011 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुके धोनी को दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में गिना जाता है। वह केवल छह मैचों में भारत की कप्तानी करने वाले गौतम गंभीर का जीत का रिकॉर्ड 100 फीसदी है और वह दो आईपीएल खिताब जीतते हुए इस लीग के सबसे कामयाब कप्तानों में से हैं।
केकेआर के पूर्व डायरेक्टर ने बताया, धोनी और गंभीर की कप्तानी में फर्क
धोनी और गंभीर की कप्तानी स्टाइल के अंतर को बताते बुए कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व टीम डायरेक्टर जॉय भट्टाचार्य ने 2012 और 2014 में केकेआर को आईपीएल जिताने वाले गंभीर के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि सफलता हासिल करने के लिए धोनी और गंभीर के रास्ते अलग हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट मुताबिक, जॉय भट्टाचार्य ने 22 यार्न्स विद गौरव कपूर में कहा कि तीन आईपीएल खिताब जीतने वाले चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान एमएस धोनी मिस्टर कूल है।
जॉय ने कहा, 'धोनी मिस्टर कूल हैं लेकिन गंभीर कभी भी कूल नहीं हो सकते हैं। तो आप क्या कहते हैं अगर आपके पास धोनी जैसा कोई है? वह सबसे कूल व्यक्ति हैं, वह बहुत शांति से क्रिकेट खेलते हैं, परिणाम की चिंता नहीं करते हैं, वे केवल क्रिकेट खेलने आते हैं। वह बहुत शांत हैं क्योंकि वह इसे हल कर लेंगे।'
केकेआर के पूर्व टीम डायरेक्टर ने कहा कि गंभीर ऐसे व्यक्ति हैं जो टीम के लिए गोली भी खा सकते हैं।
जॉय ने कहा, इसलिए जब आप गौतम के साथ खेलते हैं तो आप कभी अकेले नहीं होंगे। तो हमने केकेआर के साथ यही किया। इस बात ने चेन्नई के लिए काम किया, इसने मुंबई के लिए काम किया, और हमारे लिए भी किया, यही सफल टीम का राज है। सफल टीमें वही हैं जो कप्तान के साथ अपने व्यक्तित्व को मिलाती हैं।
केकेआर के पूर्व डायरेक्टर ने ये भी खुलासा किया कि कैसे गंभीर 2011 आईपीएल में मुंबई इंडियंस के खिलाफ आखिरी ओवर में 21 रन देने के वाले अनुभवी गेंदबाज बालाजी के बगल में बस में बैठ गए थे।