Sunday 21 June 2020

महेश भट्ट: बॉलीवुड का सबसे बिगड़ैल बुजुर्ग, काले कारनामों से भरा पड़ा है जिसका इतिहास !



सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है, और बॉलीवुड के एलीट वर्ग के विरुद्ध उनके प्रशंसकों और सिनेमा प्रेमियों ने मोर्चा खोल दिया। एक एक सेलेब्रिटी की पोल खोली जा रही है, चाहे वो कितना ही लोकप्रिय या शक्तिशाली क्यों न हो, और इसी कड़ी में अब नाम जुड़ा है फिल्म निर्माता और पूर्व निर्देशक महेश भट्ट का।
आपको याद ही होगा कैसे महेश भट्ट ने सुशांत सिंह राजपूत को पागल सिद्ध करने का असफल प्रयास किया था। हाल ही में महेश भट्ट से जुड़ी लेखिका सुहृता सेनगुप्ता ने बताया की कैसे महेश भट्ट सुशांत के अवसाद वाले स्थिति से काफी चिंतित थे, और उन्हें आभास हो रहा था की शायद सुशांत ‘परवीन बाबी की राह पर’ चल पड़ा है, और उसने सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को सुशांत का साथ छोड़ देने की सलाह दी थी। इस बकवास दलील को काँग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड ने बड़ी बेशर्मी से अपने पोर्टल पर प्रकाशित कराया था। लेकिन ये तो मात्र प्रारम्भ है, क्योंकि महेश भट्ट का इतिहास बहुत ही काला है, जो केवल सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु का उपहास उड़ाने तक सीमित नहीं है। महेश भट्ट का अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के साथ भी काफी गहरा संबंध रहा है, और रिया चक्रवर्ती सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड भी रही हैं। ऐसे में कोई हैरानी की बात नहीं होगी यदि सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिए विवश करने में महेश भट्ट की भूमिका भी सामने आ जाए।
अगर आप महेश भट्ट के पूरे करियर पर एक नज़र डालें, तो आपको समझ आएगा कि ये समस्या बहुत पुरानी है। जब महेश भट्ट शादी शुदा थे, तब भी उनका परवीन बाबी के साथ अफेयर चला था। इसी समय परवीन की मानसिक अस्वस्थता की खबर भी सामने आई थी, और जब मामला बिगड़ने लगा, तो महेश भट्ट ने बड़ी आसानी से परवीन को किनारे कर अपनी पहली पत्नी से तलाक लिया और फिर एक और बॉलीवुड अभिनेत्री सोनी राज़दान से विवाह किया।
पर ये तो मात्र प्रारम्भ था। महेश भट्ट ने भारतीय संस्कृति, और पिता पुत्री के सम्बन्धों को तार तार करते हुए फिल्मफेयर मैगज़ीन के कवर पेज के लिए अपनी बेटी पूजा भट्ट को होठों पर चूमते हुए फोटो खिंचवाई। आग में घी डालने वाली बात तो यह थी कि महेश भट्ट ने यह भी कहा था, “यदि पूजा मेरी बेटी न होती, तो मैं उससे शादी कर लेता”। इसे नीचता की पराकाष्ठा न कहें तो क्या कहें?
पर महेश भट्ट का विवादों ने कभी साथ नहीं छोड़ा। धाकड़ आईपीएस अफसर राकेश मारिया ने अपनी आत्मकथा ‘लेट मी से इट नाऊ’ में बताया है कि कैसे जब गुलशन कुमार की हत्या की संभावना सामने आई, तब उन्होंने महेश भट्ट को कहा था कि वे गुलशन को इस बारे में सूचित करें, परंतु उसने ऐसा नहीं किया, और अगस्त 1997 में गुलशन को गोलियों से भून दिया गया था। इसके अलावा महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट पर भी लश्कर ए तैयबा के एजेंट डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के साथ घनिष्ठ संबंध सिद्ध हुए हैं। हेडली ने यहाँ तक बताया था कि वे राहुल को आईएसआई के एजेंट के तौर पर नियुक्त करवाना चाहता था शायद इसी कनैक्शन को छुपाने के लिए उसने आरएसएस पर 26 / 11 हमले कराने का आरोप लगाया था।
जिस तरह सुशांत को महेश भट्ट ने मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के तौर पर दिखाने का प्रयास किया है, वो उसके इतिहास को देखते हुए कोई हैरानी की बात नहीं है। सच कहें तो महेश भट्ट का विवादों के साथ चोली दामन का साथ रहा है, और जिस तरह से उसने सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को भुनाने का प्रयास किया है, उसके लिए जो निंदा की जाये, वो कम होगी।