Thursday 25 June 2020

इस बार 5 महिने का होगा चातुर्मास, जानिए 1 जुलाई से शुरू होने वाले इस दिन की खास बातें



एक जुलाई से चतुर्मास आरंभ होने जा रहा है। चतुर्मास साल के वह 4 महीने होते हैं जब इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक का समय चतुर्मास का समय कहलाता है। चतुर्मास के इन 4 महीनों में संस्कार, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश इन सभी मंगल कार्य को करना अशुभ माना जाता है। देवोत्थान एकादशी के साथ शुभ कार्य की शुरुआत दोबारा फिर से हो जाती है।
इस बार पांच माह का होगा चतुर्मास
माना जाता है कि इन 4 महीनों के दौरान सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु सागर में विश्राम करने के लिए चले जाते हैं। इसलिए सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं होते चतुर्मास में इस बार अधिमास आएगा जिस कारण से अश्विन मास दो होंगे।अधिवास होने के कारण चतुर्मास 4 महीने के बजाय 5 महीने का होगा। इसी के कारण हर साल आने वाले सभी त्योहार आम वर्षों के मुकाबले देरी से आएंगे। आमतौर पर श्राद्ध खत्म होते ही अगले दिन से नवरात्रि आरंभ हो जाते हैं। लेकिन इस बार श्राद्ध खत्म होते ही अगले दिन से अश्विन मास की शुरुआत हो जाएगी।
इसलिए 5 माह का होगा चतुर्मास
हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर 3 वर्ष में एक बार एक अतिरिक्त मास आता है इसे ही अधिक मास मलमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है। इसके आने का कारण हिंदू कैलेंडर सूर्य में बताया गया है कि सूर्य मास और चंद्रमा की गणना के आधार पर चलता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है वही एक चंद्र वर्ष में 354 दिन होते हैं और इन तीनों का अंतर लगभग 11 दिनों का होता है। ऐसे करते हुए यह 3 साल में 1 माह के बराबर हो जाता है, जिसके चलते महीने के अंतर को दूर करने के लिए हर 3 साल में एक बार अतिरिक्त मांस आ जाता है इसे ही अधिमास कहा जाता है।
चतुर्मास का महत्व
हिंदू धर्म में चतुर्मास का बहुत ही महत्व है इसमें एक स्थान पर रहकर जप और तप किया जाता है, इन 4 महीनों के अंतर्गत भगवान विष्णु शिरसागर में विश्राम करते हैं। ऐसे में सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में होता है। इसी कारण इसी महीने सब भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना सावन भी मनाया जाता है। चतुर्मास के खत्म होने के बाद देवोत्थान एकादशी के साथ शुभ कार्य की शुरुआत दोबारा से हो जाती है।