Friday 19 June 2020

21 June Solar Eclipse: 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण क्यों हैं खतरनाक ?



21 जून साल का सबसे बड़ा दिन हैं और शायद साल का सबसे अधिक प्रभावशाली ग्रहण भी इसी दिन लगने वाला हैं, आज से ठीक 19 साल पहले यानी 2001 में भी 21 जून को सूर्यग्रहण (21 June Solar Eclipse) लगा था। बताया जा रहा हैं कि ये सूर्यग्रहण वलयाकार होगा लेकिन देश के कुछ हिस्सों में ये पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा।
21 June Solar Eclipse : 6 ग्रह रहेंगे वक्री
ये सूर्यग्रहण रविवार के दिन हैं और शास्त्रों के अनुसार रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित हैं इसके अलावा ये ग्रहण उस समय लग रहा हैं जब देश में कोरोना महामारी अपने चरम पर हैं। ये महीना का दूसरा ग्रहण हैं 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था इस वजह से इस ग्रहण का प्रभाव और भी ज्यादा हो जाता हैं। आइये जानते हैं कि क्या खतरनाक साबित हो सकता हैं ये सूर्यग्रहण।
30 दिन में तीन बड़े ग्रहण, सैकड़ों वर्षों के बाद बना ऐसा संयोग, गंभीर हो सकते हैं परिणाम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 21 जून को लगने वाले सूर्यग्रहण के दिन 9 ग्रहों में से 6 ग्रह उल्टी दिशा में होंगे जिसका हमारे जीवन और हमारे देश पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ सकता हैं। ये सूर्यग्रहण मिथुन राशि में लगने जा रहा हैं और मंगल ग्रह की दृष्टि इसके ऊपर पड़ रही हैं और मंगल ग्रह पर शनि ग्रह के प्रभाव के कारण भी ये सूर्यग्रहण और भी खतरनाक होने जा रहा हैं, पिछले साल दिसंबर में ग्रहण पड़ा था जिसके बाद देश में कोरोना महामारी फैल गई थी।
देश में आ सकते हैं बहुत से संकट
बताया जा रहा हैं कि एक महीने में ही दो ग्रहण लगने के कारण ये काफी खतरनाक ग्रहण होगा, इसकी वजह से देश में प्राकृतिक आपदा आ सकती हैं देश मे युद्ध की स्थिति भी बनती हुई दिखाई दे रही हैं। इसके अलावा इस ग्रहण की वजह से खराब मौसम की भी मार पड़ सकती हैं, इस ग्रहण के खतरनाक होने की एक वजह ये भी हैं कि पिछले साल जून से लेकर आने वाले 21 जून के ग्रहण को मिलाकर 4 ग्रहण हो जाएंगे और ये सभी ग्रहण एक ही राशि में लगे हैं ये एक बेहद दुर्लभ संयोग हैं।
पूरे देश पर रहेगा ग्रहण का प्रभाव
इस सूर्यग्रहण का असर ना केवल किसी राशि पर बल्कि पूरे देश पर एक जैसा पड़ेगा, इस ग्रहण के प्रभाव से देश मे सामाजिक हिंसा, आंतरिक कलह, कृषि को नुकसान और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसके अलावा देश में भुखमरी, बेरोजगारी और बाढ़ के भी अवसर दिखाई दे रहें हैं, देश भूकंप, मजदूरों के आंदोलन में भी उलझा रहेगा। उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी देशों से भी युद्ध होने की संभावना बन रही हैं।