सुरेंद्र सिंह डम्पर चालक है। कविता की दो महीने की बेटी है। कविता की नंद की मार्च में शादी थी। जिसमें कविता की छोटी बहन ललिता भी आई हुई थी। लेकिन लॉकडाउन के चलते वह वापस अपने घर जिला देवरिया नहीं जा सकी। कविता के साथ उसके सास ससुर भी रहते है। कविता के अनुसार सास और पति आए दिन उससे झगड़ा करता है और मारपीट करता है।
सोमवार को तड़के कविता का पति सुवेन्द्र सिंह अपनी दुधमुहीं बच्ची, पत्नी और साली को बाइक पर बैठाकर थाना देहात के जंगल में बहाना बनाकर छोड़कर भाग निकला। कविता ने 2 घंटे तक अपने पति का इंतजार किया। परंतु वह वापस नहीं आया। किसी तरह कविता अपने घर देवरिया जाने के लिए टीपी नगर चौराहे पर अपनी दूध मुंही बच्ची और बहन के साथ आई और रोने लगी।
वहां मौजूद पुलिस वालों को उसने अपनी आप बीती सुनाई। पुलिस वालों ने उसे थाना देहात जाने को कहा पर महिला थाना देहात नहीं गई। तभी वहाँ से गुजर रही टीपी नगर चौकी क्षेत्र के मुहल्ला पीरगढ निवासी एक महिला हरप्यारी पत्नी पप्पू उसकी आपबीती सुनकर उससे अपने घर चलने को कहा और कहा मेरी बेटी की तरह तुम भी मेरी बेटी जैसी हो। जब तक जी चाहे मेरे घर में रहो। तुमको कोई परेशानी नहीं होगी। आखिर में कविता ने कोई साधन ना देखकर उस महिला के साथ उसके घर चली गई।