Wednesday 27 May 2020

पत्नी के जिंदा रहते हुए आखिर क्यों पति कर रहा उसके अंतिम संस्कार की तैयारी, पूरी कहानी पढ़ रो देंगे आप

वो एक मां है...उसकी अंतिम इच्छा है कि एक बार वो अपने बच्चों को जी भर देख ले. उसकी जिंदगी की तार कभी भी टूट सकती है. लेकिन गरीबी और लॉकडाउन की मार एक बीमार मां को उससे बच्चों जुदा कर रखा है. दर्द से सराबोर यह कहानी बिहार के अतुल श्रीवास्तव की पत्नी वंदना की है. वंदना बेहद बीमार है और वो एक बार अपने बच्चों से मिलना चाहती है क्योंकि वो मुंबई के परेल में हैं और उसके बच्चे बिहार में.
वंदना के पति अतुल श्रीवास्तव जो दर्द में डूबे हुए हैं क्योंकि वो अपनी पत्नी की आखिरी इच्छा पूरी नहीं कर पा रहे हैं. अतुल के पास इतने पैसे नहीं कि वो लॉकडाउन में एंबुलेंस करके पत्नी को बिहार बच्चों के पास ले जा सकें. दरअसल वंदना को किडनी का कैंसर है. दिन प्रतिदिन उनकी हालत खराब हो रही है. 45 साल के अतुल अपनी पत्नी को 9 मार्च को बिहार से मुंबई लेकर आए थे ताकि उसका इलाज कराया जा सके. वो उनकी पत्नी और उनकी छोटी बहन परेल में हैं. परेल के केईएम अस्पताल में वंदना का इलाज शुरू हुआ. वहीं पर एक कमरा किराए पर ले लिया गया.
लॉकडाउन की वजह से मुंबई में फंस गए दंपति
वंदना का इलाज चल ही रहा था कि कोरोना वायरस महामारी शुरू हो गई और पूरे देशभर में लॉकडाउन लग गया. एक साल पहले अतुल को पत्नी की बीमारी के बारे में पता चला. उसके इलाज में कपड़ा कारोबारी अतुल ने 10 लाख रुपए खर्च कर दिए. अब इनके पास इतने पैसे नहीं बच्चे की वो एंबुलेंस से पत्नी को बिहार ले जा सकें.
वंदना के पास बेहद कम सांसे बची हैं
इधर मुंबई में इलाज कर रहे डॉक्टर ने भी अतुल को कह दिया कि उनकी पत्नी के पास ज्यादा वक्त नहीं बचा है. वहीं वंदना की आखिरी इच्छा है कि वो अपने बच्चों को सीने से आखिरी बार लगा सकें. अतुल और वंदना के 10 और 11 साल के बच्चे हैं. वंदना की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ रही हैं. अतुल के पास महज 3 हजार रुपए बचे हैं. 70 हजार की दरकार है एंबुलेंस से बिहार ले जाने के लिए.
पति कर रहा है पत्नी के अंतिम संस्कार की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अतुल पूरी तरह टूट गए हैं. वो अपनी पत्नी की अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है. वंदना की सेहत लगातार गिर रही है. उसका खाना पीना तक छूट चुका है. बस एक अंतिम इच्छा की वो अपने बच्चे को आखिरी बार देख सकें.