गुजरात में हिंसक और जंगली प्राणियों का रिहायशी इलाको में घुस आने की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। ऐसी ही एक घटना मध्य गुजरात राज्य के आणंद जिले के मलातज गांव में सामने आई है। यहां उस वक्त एक किसान के पसीने छूट गए जब रात में उसने बिस्तर के नीचे आणंद जिले के विध्यानगर सोजित्रा क्षेत्र के मलातज गांव के किसान बाबूभाई के उस समय होश उड़ गए जब रात को उन्होंने देखा कि उनकी खाट के नीचे विशालकाय मगरमच्छ मौजूद है। जब किसान ने लाइट जलाई तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि उसकी खाट के नीचे एक 8 फुट लंबा मगरमच्छ शांति से पड़ा था।
इस बारे में किसान बाबुभाई परमार ने बताया कि वह हर दिन की तरह पशुओं को बाड़े में बांधकर घर में आए और खाट पर सो गए। तभी रात में अचानक कुत्ते भौंकने लगे। बाबुभाई को किसी अनहोनी का शक हुआ तो उन्होंने खाट के नीचे दो चमकीली आंखें देखीं, यह देख वो काफी डर गए।
खाट के नीचे विशालकाय मगरमच्छ देख किसान बाबूभाई की सांसें थम गईं। हालांकि, घर में मौजूद कुत्ते के भौंकने के कारण उन्हें ये पता चल सका। बाबूभाई ने किसी तरह से अपने परिवारवालों को घर में मौजूद मगरमच्छ की जानकारी दी।
घर में मगरमच्छ होने की खबर पाकर परिजन भी सकते में आ गए। 8 फुट लंबे मगरमच्छ को वहां से हटाने के लिए गांववालों को इकठ्ठा किया। आनन-फानन में वन विभाग को जानकारी दी गई। बताया जा रहा है कि मगरमच्छ मलातज गांव से 500 मीटर दूर स्थित एक तालाब से आया था, जिसे पकड़कर वापस तालाब में छोड़ दिया गया।
वन विभाग के अधिकारी और दया फाउंडेशन के सदस्य मौके पर पहुंचे तो उन्होंने मगरमच्छ को पकड़ने के लिए जाल डाला, लेकिन मगरमच्छ जगह से हिला तक नहीं। इस बारे में दया फाउंडेशन के नितेश चौहान ने बताया कि जब हम मौके पर पहुंचे तो पाया कि मगरमच्छ एक जगह से हिल नहीं रहा है।
जब ध्यान से देखा गया तो पता चला कि ये मादा मगरमच्छ प्रेग्नेंट थी और अंडे देने वाली थी। इसके बाद हमने सावधानी पूर्वक मगरमच्छ को जाल में डाला और वापस तालाब में छोड़ा। मालूम हो कि मलातज गांव देश भर में मगरमच्छों के लिए मशहूर है। यहां के तालाब में 200 से ज्यादा मगरमच्छ रहते हैं, यहां गांव के लोग इनकी पूजा भी करते हैं।