टीम इंडिया के स्ट्रेंथ एंड कंडिशनिंग कोच, निक वेब ने सपोर्ट स्टार को
एक बयान दिया है, जिसमे उन्होंने लॉकडाउन के दौरान खिलाड़ियों की पोषण
योजनाओं की देखरेख करने, गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए विशेष अभ्यास और
मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बताया है. उन्होंने कई रोचक बातें
अपने इस बयान में कही है. लॉकआउट के बाद चोट लगने का खतरा अधिक रहेगा
वेब ने स्पोर्टस्टार से बात करते हुए कहा, 'बिना क्रिकेट के, खिलाड़ियों को चोट का अधिक खतरा होता है. वह ऐसे समय में ज्यादा फिट नहीं रह पाते हैं. विशेष
रूप से तेज गेंदबाजों को, क्योंकि उन्हें खुद के लिए, एक संचित गेंदबाजी
भार की आवश्यकता होती है, जो न केवल अंतरराष्ट्रीय मैच की तीव्रता और भार
को सहन करने में सक्षम हो, बल्कि एक विस्तारित श्रृंखला में मैचों का बैकअप
लेने में भी सक्षम हो.'
खेल विज्ञान प्रौद्योगिकी का उपयोग किया
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए निक वेब ने कहा, 'जाहिर
है, आप जितने अधिक मैच खेलते हैं, आप एक लय में होते हैं और तीव्रता और
दबावों का अनुभव करते हैं, जो प्रशिक्षण में दोहराने में कठिन होते हैं.
हालांकि, हम निश्चित रूप से उन तरीकों से प्रशिक्षण ले सकते हैं जो खेलों
की मांगों से मेल खाते हैं. हमने इन मांगों को समझने के लिए जीपीएस जैसे
खेल विज्ञान प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है, जो यह मार्गदर्शन कर सकता है
कि हम प्रशिक्षण वातावरण को कैसे बढ़ा सकते हैं और उन्हें मांगों के लिए
तैयार कर सकते हैं.' पहले मैच से पहले चार और आठ सप्ताह चाहिए होंगे
कोरोना वायरस के बाद पहला मैच खेलने से पहले खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए समय की मांग करते हुए निक वेब ने कहा, 'हमारी
टीम के फिजियोथेरेपिस्ट, मेडिकल स्टाफ और मैंने मिलकर एक तीन चरण की योजना
तैयार की है, जिसका मानना है कि खिलाड़ी के स्वास्थ्य, कल्याण और
प्रदर्शन के सर्वोत्तम हित में है, जब एक बार महामारी खत्म हो जाती है, तो
भविष्य में क्रिकेट कार्यक्रम काफी टाइट रहेगा कुछ विदेशी दौरे भी होंगे.
ऐसे में हमें पहले मैच से पहले चार और आठ सप्ताह चाहिए होंगे, ताकि हम
खिलाड़ियों की फिटनेस पर ध्यान दे सके, यह एक सुरक्षित समय सीमा है.'