Thursday 28 May 2020

महज 15 वर्ष की आयु में ही लड़की बन गयी माँ, फिर 18 साल की हुई तो घटी ये अजीबोगरीब घटना...

एक रिपोर्ट के अनुसार पता चला की ये पूरा मामला था धोलपुर के पास के एक गाँव कोलारी का. जहाँ साल 2014 में सचिन नामक 19 वर्षीय लड़के को अनु नामक 15 वर्षीय से प्यार हो गया था. दोनों को पता ही नहीं चला कि कब उनकी दोस्ती प्यार में बदल गयी थी. वह दोनों एक दुसरे से शादी करना चाहते थे. लेकिन लड़की नाबालिग थी इसलिए दोनों की शादी होना मुमकिन नहीं था. लड़की ने अपने घरवालो को जब सचिन के बारे में बताया तो उन्होंने उसका विरोध किया. जिसके बाद दोनों घर से भाग गये.
ऐसे हुआ विवाह
जब घरवाले नही माने तो दोनों घर से फरार हो गये. जिसके बाद लड़की के घरवालो ने लड़के के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ करवा दी. जब पुलिस के हाथ दोनों लगे तब लड़की साथ महीने की प्रेगनेंट थी. इसके बाद लड़के को जेल में भेज दिया गया और लड़की को पुलिस की निगरानी में रखा गया. फिर अब जब लड़के को रिहा किया गया तो दोनों फिर से मिलने लग गये. दोनों के प्यार में तीन सालों में कोई कमी नही आई. जिसके बाद पुलिस ने इन दोनों की शादी करवा दी.
शादी में थी अनु की अपनी बच्ची भी शामिल
बाल कल्याण समिति धौलपुर के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह परमार ने कहा कि दोनों का हाल ही में आर्या समाज के रीति रिवाजों के साथ विवाह करवा दिया गया. और उनको सर्टिफिकेट भी उसी दिन दे दिया गया था. इसके इलावा उन्होंने बताया कि दोनों के विवाह में उनकी ढाई साल की बच्ची भी शामिल थी. जो कि उनके घर से भागने के बाद ही अनु की कोख में आ गयी थी. ऐसे में उस मासूम बच्ची का कोई कसूर नहीं था. उसको दोनों माँ बाप का प्यार मिलना चाहिए था इस लिए इस शादी को मंजूरी दे दी गयी.
 
कानून की सहमति से की गयी शादी
विवाह में मौजूद राकेश तिवाड़ी ने बताया कि दोनों माँ बाप अब बालिग हो गये थे. इसके लिए कानून की तरफ से उनकी शादी को कोई मनाही नही की जा सकती थी. दोनों अब समझदार थे और अपनी बेटी को पाल सकते थे. इसमे एक बच्ची को माँ बाप से दूर करना पुलिस और कानून सम्मति के लिए बहुत बड़ा अपराध था. शिशु का जन्म सिद्ध अधिकार है अपने माँ बाप के साथ जीना.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इस प्रेम विवाह में भरतपुर और धोलपुर की बाल कल्याण सम्मति शामिल थी. उन्ही के कारण पूरी शादी संपन्न हो पाई. बाल कल्याण समिति धौलपुर के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह परमार ने बताया कि लड़की धौलपुर जिले की रहने वाली है, इसलिए उन्होंने घराती बनकर विवाह की रस्मों को पूरा किया. इसके इलावा लड़का भरतपुर का था इसलिए वहां की सम्मति को भी शादी में बुलाया गया था.