Friday 24 April 2020

Mahabharat Written update: यक्ष के सवालों का सही जवाब देकर युधिष्ठिर ने बचाई अपने चारों भाईयों की जान


TV News:दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहे टीवी सीरियल महाभारत (Mahabharat) को दर्शक बहुत पसंद कर रहे हैं। इसी वजह के चलते ये शो टीआरपी लिस्ट में महाभारत नंबर 2 की पोजिशन पर टिका हुआ है। रामायण के बाद महाभारत की कहानी में दर्शक काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। महाभारत के पिछले एपिसोड में दिखाया गया है कि सिंधू नरेश जयदत्त ‌द्रौपदी को जबरदस्ती अपने साथ ले जाता है। जयदत्त की इस हरकत को देखकर पांडव उसे गंजा कर देते हैं। वहीं आज सुबह के एपिसोड में कहानी में काफी उथलपुथल देखने को मिली। अपनी बेज्जती के बाद जयदत्त पांडवों से बदला लेने की ठान लेता है और भगवान शिव की तपस्या करने लगता है। इस बीच दुर्योधन वहां आकर तपस्या करने की वजह पूछता है। जयदत्त दुर्योधन से झूठ बोलता है और हस्तिनापुर वापस आने से मना कर देता है। वहीं दूसरी तरफ पांडव के वनवास के 12 साल पूरे हो जाते हैं। 12 साल पूरा होते ही पांडव एक साल के अज्ञातवास पर निकल जाते हैं। जंगल में भटकते भटकते द्रौपदी थक जाती है और पांडवों से पानी मांगती है।
द्रौपदी की बात सुनकर युधिष्ठिर सहदेव को पानी लाने भेजता है। पानी पीते समय सहदेव को एक आवाज रोकती है लेकिन इस आवाज को अनदेखा करके सहदेव पानी पी लेता है। पानी पीते ही सहदेव की मौत हो जाती है। अपने भाई के वापस न आने पर युधिष्ठिर एक एक करके अर्जुन भीम, नकुल को भेजता है लेकिन तीनों में से कोई भी वापस नहीं आता है।
भाईयों के न आने से परेशान होकर युधिष्ठिर खुद पानी लेने निकल जाता है। भाईयों को मरा देखकर युधिष्ठिर घबरा जाता है। जैसे ही युधिष्ठिर पानी पीता है वैसे ही उसे भी एक आवाज सुनाई देती है। युधिष्ठिर इस आवाज को सामने आने के लिए कहता है। युधिष्ठिर के कहने से यक्ष पानी से बाहर आ जाता है अपनी शर्त बताता है। यक्ष कहता है जो भी उसके सवालों का जवाब देगा केवल वही तलाब का पानी पी सकता है।
युधिष्ठिर अपने भाईयों को बचाने के लिए यक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हो जाता है। जिसके बाद यक्ष एक के बाद एक सवालों की बैछार करता है और युधिष्ठिर फटाफट सभी सवालों के जवाब दे देते हैं। युधिष्ठिर की जाहिरजवाबी देखकर यक्ष बहुत खुश हो जाता है और उनके चारों भाईयों की जान वापस कर देता है।
वहीं दूसरी तरफ 12 साल में पांडवों का बेटा अभिमन्यू भी बड़ा हो चुका है और युद्ध कला में अपने पिता की तरह पारंगत हो गया है। इन सब बातों को अनदेखा करते हुए दुर्योधन पांडवों के अज्ञातवास के खत्म होने का इंतजार कर रहा है। इस बीच भीष्म पितामह को दुर्योधन की सभी चालों का पता चल जाता है। जिसके बाद भीष्म पितामह विधुर पर बात छिपाने के लिए गुस्सा करते हैं।