Friday 17 April 2020

फ्लैट में दो सगी बहनों की लाश मिली, 10 दिन से ज्यादा थी पुरानी


फ्लैट में दो सगी बहनों की लाश मिली, 10 दिन से ज्यादा थी पुरानी
पनकी शताब्दी नगर के शिवालिक अपार्टमेंट में संदिग्ध परिस्थितियों में सगी बहनों का शव मिलने से हड़कंप मच गया। फ्लैट मालिक की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस दरवाजा तोड़ अंदर घुसी। फ्लैट के अंदर कमरे में खिड़की के नीचे दोनों शव मिले। खिड़की की ग्रिल से बंधे दुपट्टे के फंदे में दोनों बहनों की गर्दन फंसी थी। रहस्यमयी बात ये है कि फर्श से खिड़की की ग्रिल की ऊंचाई केवल तीन फुट है। इसी बिंदु ने पूरे मामले को संदिग्ध बना दिया है। दोनों के शव बुरी तरह सड़ गए थे। अनुमान है कि दस दिन पहले ही उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को मौके से बहनों के कपड़े और एक टैब मिला है।
संघर्ष नगर थाना बर्रा निवासी विकास पांडेय बीएसएफ के दिल्ली ऑफिस में हेड कलर्क है। विकास का पनकी रतनपुर के शिवालिक भवन अपार्टमेंट के टॉप फ्लोर पर फ्लैट है। होली पर घर आए विकास अपना फ्लैट देखने पनकी गए थे। पड़ोस में रहने वाले एजेंट कपिल ने विकास से खाली फ्लैट को किराए पर उठाने का सुझाव दिया। 12 मार्च को कपिल ने जरौली फेस टू निवासी रेखा उर्फ रिंकी शुक्ला(उम्र 30 वर्ष) और छोटी बहन आभा (उम्र 25 वर्ष) को किराए पर फ्लैट देने की बात विकास से की। विकास ने तीन हजार रुपए किराए पर दोनों बहनों को फ्लैट की चाभी दे दी।
14 अप्रैल को किराए के लिए विकास दिनभर रिंकी को फोन मिलाते रहे। फोन न उठने पर विकास ने फ्लैट के पास रहने वाले सोनू नाम के युवक को फोन किया और बहनों से बात कराने के लिए कहा। बुधवार सुबह 10 बजे सोनू फ्लैट का दरवाजा खटखटा रहा। एक घंटे तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी अंदर से कोई जवाब न मिलने की जानकारी सोनू ने विकास को दी। आशंकित विकास ने पनकी थाने में फोन कर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस दरवाजा तोड़कर फ्लैट के अंदर घुसी जहां दोनों बहनों के शव खिड़की के पास पड़े थे। खिड़की से बंधे दुपट्टों के फंदे दोनों बहनों की गर्दन से कसे थे। कल्याणपुर सीओ अजय कुमार ने बताया कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रथम दृष्यता मामला सुसाइड का लग रहा है। फिर भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
केदारनाथ त्रासदी में चले गए थे मां-बाप
सगी बहन रिंकी और आभा के पूरे परिवार के दर्दनाक अंत की कहानी रोंगटे खड़ी करने वाली है। सन 2013 में केदारनाथ त्रासदी में रिंकी के पिता विनोद और माता कोमल की मौत हो गई थी। माता पिता की मौत के बाद बड़े भाई अजय शुक्ला ने दोनों बहनों को संभाला। साफ्टवेयर का काम करने वाले भाई ने दोनों बहनों को एमसीए कराया। फिर दोनों बहने ट्यूटन पढ़ाने लगीं। जरौली फेस टू में किराए के फ्लैट पर रह रही दोनों बहनों की जिंदगी ढर्रे पर आ ही रही थी, तभी 16 जनवरी को इकलौते भाई अजय की हार्ट अटैक से मौत हो गई। चार दिन बाद 20 जनवरी को खंभे के शार्ट सर्किट से लगी आग में उनकी पूरी गृहस्थी जलकर खाक हो गई। झुलसी बहनें हैलट में इलाज के बाद अपने फ्लैट पर आई थीं।
मात्र दो बैग लेकर पनकी के फ्लैट पहुंची थी

पनकी के फ्लैट मालिक विकास पांडेय ने बताया कि एजेंट कपिल ने दोनों बहनों को 12 मार्च की रात आठ बजे मिलवाया था। दोनों के पास मात्र दो बैग ही थे। बड़ी बहन ने अपना नाम रिंकी बताया था। रिंकी ने आधारकार्ड की कॉपी और तीन हजार रुपए देकर बिना बिजली कनेक्शन के ही फ्लैट किराए पर ले लिया। पूछने पर बताया कि रात में रुकने का दूसरा ठिकाना नही है। बहनों ने एजेंट को भी कमीशन के 1500 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। लगभग नौ दिन बाद फ्लैट में बिजली कनेक्शन की सूचना रिंकी ने मकानमालिक को दी। दोनों बहनों के पास दो बैंगों में कपड़ों के अलावा कुछ नही था। खाना बनाने का का भी कोई दूसरा साधन नही था। पड़ोसियों की माने तो दोनों बहनों को दो तीन बार ही बाहर निकलते देखा। वह बिना किसी से बात किए कुछ सामान खरीद फ्लैट पर वापस आ जाती थीं।