निर्भया के दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 पर फांसी दे गई.
नई दिल्ली: निर्भया (Nirbhaya case) के दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 पर फांसी दे गई. निर्भया के चारों दोषियों द्वारा तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में की गई कमाई अब उनके परिजनों को दी जाएगी. दोषियों मे से सबसे ज्यादा अक्षय ठाकुर को अधिकतम 69,000 रुपये का वेतन मिला.
विनय
शर्मा ने 39,000 और पवन गुप्ता ने 29,000 रु की कमाई की है. जबकि चौथे
दोषी मुकेश सिंह ने कोई श्रम करना नहीं चुना.
जेल में सज़ा काटने के दौरान मुकेश, पवन और अक्षय ने 2016
में कक्षा 10 वीं क्लास पास करने के लिए लिया एडमिशन लिया था ये लोग
परीक्षा में भी उपस्थित हुए, लेकिन पास नहीं हो सके. 2015 में, विनय ने एक
वर्ष के स्नातक कार्यक्रम में प्रवेश लिया, लेकिन वह पूरा नहीं कर सका.
तिहाड़
जेल के सूत्रों से पता चला कि निर्भया केस के सभी दोषियों में जेल के नियम
तोड़ने की वजह से अक्षय को एक बार सजा मिली है, मुकेश को नियम तोड़ने पर 3
बार जबकि पवन को आठ बार और सबसे ज्यादा विनय को ग्यारह बार सज़ा मिली है. ये
सज़ा किसी को गाली देने, जेलर के आने पर खड़े ना होने, तम्बाकू या किसी के
साथ मारपीट करने और कई वजहों से मिलती है सज़ा के तौर पर दोषियों से उनको
जेल में मिलने वाली सहूलियतें वापस ले ली जाती है. किसी भी कैदी को उसके आचरण की वजह से सज़ा देने की जानकारी बाकायदा सेशन कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाती है और उसकी अनुमति के बाद ही कुछ समय तक उसको सज़ा दी जाती है.