नई दिल्ली: भारतीय टीम (Indian Team) से बाहर चल रहे बल्लेबाज मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) आईपीएल नीलामी (IPL Auction) में नहीं खरीदे जाने से निराश हैं. रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में सोमवार को बंगाल की ओर से खेलते हुए तिहरा शतक लगाने के बाद उन्होंने निराशा जताई. उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ नाबाद 303 रन की पारी खेली. लेकिन यह प्रदर्शन भी 34 साल के मनोज तिवारी को भारतीय टीम में शायद ही प्रवेश दिला पाए. टीम इंडिया इस समय जगह नहीं हैं और सभी खिलाड़ी अच्छे रंग में नजर आ रहे हैं. तिवारी ने मैच के बाद कहा, 'आईपीएल में खेलने का मौका न मिलने की बात पचाना मुश्किल हैं. निसंदेह बुरा लगता है जब आप इतने सारे युवाओं को खेलते देखते हैं और आप घर पर बैठकर उन्हें देख रहे होते हैं. वह शॉट मैं लगा सकता था. मेरे लिए यह कटु सत्य है.'
तिहरा शतक लगाने वाले बंगाल के दूसरे बल्लेबाज
मनोज तिवारी रणजी ट्रॉफी में बंगाल की ओर से तिहरा शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं. उनसे पहले 1998 में देवांग गांधी ने 323 रन की पारी खेली थी. तिवारी टीम इंडिया में आने को लेकर आशावादी हैं. वे चाहते हैं कि चयनकर्ता उनकी निरंतरता और क्वालिटी पर विचार करें. उन्होंने कहा, 'इस समय इंडिया जीत रहा है. जिस तरह इंडिया आगे बढ़ रहा है उसे देखते हुए मुश्किल हैं. लेकिन इस दुनिया में कुछ भी हो सकता हैं. आत्मविश्वास ही मेरी ताकत है. मुझे हमेशा उम्मीद रखनी होगी. मेरे लिए उम्र केवल एक नंबर है.'
2015 के बाद टीम इंडिया से बाहर
मनोज तिवारी टीम इंडिया में आखिरी बार साल 2015 में खेले थे जब भारत ने जिम्बाब्वे का दौरा किया था. इससे पहले उन्हें 2011-12 में खेलने का मौका मिला था लेकिन ज्यादा मैच नहीं खिलाए गए. इसी समय में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई वनडे में 104 रन की पारी खेली थी और इसके बाद उन्हें बाहर कर दिया गया. उन्हें जब दक्षिण अफ्रीका ए, दलीप ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया ए व दक्षिण अफ्रीका ए वाले 4 देशों के टूर्नामेंट में नहीं लिया गया था तब उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी.
लिस्ट ए में सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड बनाया2017-18 के घरेलू सीजन में काफी रन बनाने के बाद भी मनोज तिवारी को भारतीय जूनियर टीमों में नहीं लिया गया. उस सीजन में उन्होंने लिस्ट ए के मैचों में 126.7 की औसत से 507 रन बनाए थे. यह भारत में लिस्ट ए के एक सीजन में सबसे ज्यादा रन हैं. उनके नाम विजय हजारे और देवधर ट्रॉफी दोनों में 100 से ज्यादा की औसत है. उनके अलावा किसी दूसरे बल्लेबाज ने यह कारनामा नहीं किया है.
'निजी स्कोर के बजाए क्वालिटी पर ध्यान दें चयनकर्ता'
आंध्र प्रदेश के खिलाफ ईडन गार्डंस के ग्रीन टॉप विकेट पर अपनी 46 रन की पारी का उदाहरण देते हुए तिवारी ने कहा कि चयनकर्ता अक्सर पारियों की क्वालिटी के बजाए निजी स्कोर पर ध्यान देते हैं. उन्होंने कहा, 'यह (46 रन की पारी) काफी स्पेशल थी. यहां तक कि भारतीय टेस्ट टीम के बल्लेबाज हनुमा विहारी (23) भी वहां नाकाम रहे थे. यदि यह उनके लिए मुश्किल था तब यह हमारे लिए तो काफी मुश्किल थी. वहां काफी चुनौतीपूर्ण हालात थे. इसलिए पारियों की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए.'
'मैं खुद को नहीं चुन सकता'
उन्होंने आगे कहा, 'मेरी वापसी के बारे में कहना मुश्किल है... मैं खुद को तो नहीं चुन सकता. लेकिन अगर किसी ने 50 से ज्यादा की औसत से 8000 से ज्यादा रन बनाए हैं तो आपको निरंतरता, पारियों की क्वालिटी को देखना चाहिए न कि व्यक्तिगत काबिलियत को. मैंने हमेशा मेरी काबिलियत और कड़ी मेहनत में भरोसा किया है और मेरा काम रन बनाना व टीम को जिताना है.'