Sunday 26 January 2020

कितना भी पुराना गठिया, शुगर या बवासीर हो, बस इसकी 2 बूंद पानी से ले लो, मोटापा भी होगा दूर

आज हम आपको एक ऐसे तेल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अनेक रोगों के लिए रामबाण की तरह काम करता है, आयुर्वेद में इसे संजीवनी के सामान माना जाता है, हम जिस तेल की बात कर रहे हैं, वो है कलौंजी का तेल, तेल के अतिरिक्त आप कलौंजी के दानों को भी इस्तेमाल कर सकते हैं, तो चलिए कलौंजी के बीज और कलौंजी के तेल के जबरदस्त फायदों के बारे में जान लेते हैं।

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कलौंजी के फायदे

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वात रोगों में
वात रोग से ग्रस्त अंगों में कलौंजी के तेल से मालिश करने पर राहत मिलती है।

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टाइप 2 डायबिटीज
प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी को किसी भी रूप में सेवन करने से या दो बूँद कलौंजी के तेल को पानी में मिलाकर पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है, और शुगर में लाभ होता है।
बवासीर में
बवासीर होने पर कलौंजी की भस्म को प्रभावित स्थान पर नियमित रूप से लगाने पर बवासीर में लाभ होता है, साथ पानी के साथ कलौंजी के तेल का सेवन भी करना फायदेमंद होता है।

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गठिया में
एक चम्मच सिरका, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में सोने से पहले सेवन करने से जिदों का दर्द और गठिया ठीक हो जाता है।

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मोटापे में
लगातार मोटापा बढ़ रहा हो तो प्रतिदिन खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में कलौंजी के तेल की 2 बूंदे डालकर पीने से मोटापा दूर होता है।