ऑयल पुलिंग मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार है। जिसमें विभिन्न तेलों का उपयोग कर मुंह से संबंधित कई समस्याओं का इलाज किया जाता है। प्राचीन चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में इसका वर्णन ‘कावला ग्रहा’ या ‘कावला गंडोशा’ के रूप में मिलता है।
गंडोशा विधि के अनुसार मुंह में पूरी तरह से तेल भरा जाता है, लेकिन इससे गरारे करना असंभव होता है। वहीं, कावला ग्रेहा विधि में कम मात्रा में तेल का उपयोग किया जाता है, जिससे गरारा करना आसान हो जाता है और इसीलिए आज हम आपको ऑयल पुलिंग करने के कुछ बेहतरीन फायदे के बारे में बताएंगे.
ऑयल पुलिंग करने के फायदे
1. हानिकारक बैक्टीरिया का मुकाबला करे
ऑयल पुलिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले तिल के तेल, सूरजमुखी के तेल और नारियल के तेल में एंटिबैक्टीरियल गुण पाए जाते है । तेल में पाया जाने वाला यह गुण न सिर्फ आपके मुंह के कीटाणुओं की सफाई करने में मदद करता है.
2. मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए
ऑयल पुलिंग में उपयोग हाेने वाले तिल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो उपरोक्त सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं, जिससे मुंह की दुर्गंध से निजात पाया जा सकता है
3. कैविटी की समस्या को दूर करने के लिए
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि ऑयल पुलिंग के लिए तिल, नारियल और सूरजमुखी के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इन तेलों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम करते हैं
4. मसूड़ों की सूजन काे दूर कर उन्हें स्वास्थ्य रखे
लॉरिक एसिड में सूजन को रोकने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। ये गुण कीटाणुओं से मसूड़ों की सुरक्षा करने के साथ ही उनकी सूजन को कम करने में आपकी मदद करते हैं
5. सिरदर्द को कम करता है
ऑयल पुलिंग प्रक्रिया मुंह को साफ करने के साथ-साथ माइग्रेन और सिरदर्द से छुटकारा दिलाने का काम भी कर सकती है.
6. शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए
ऑयल पुलिंग आपके शरीर के चयापचय को बढ़ाने का काम करता है और बढ़ा हुआ चयापचय आपके शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में विशेष योगदान देता है.