मोदी ने ट्वीट किया, "श्रीराम लागू ने बहुमुखी प्रतिभा और प्रखरता का परिचय किया. वर्षों तक, उन्होंने शानदार अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया. उनका काम आगामी वर्षों में याद किया जाएगा. उनके निधन से दुखी हूं. उनके प्रशंसकों के लिए संवेदना. ओम शांति."
Dr. Shreeram Lagoo personified versatility and brilliance. Through the years, he enthralled audiences with outstanding performances. His work will be remembered for years to come. Anguished by his demise. Condolences to his admirers. Om Shanti.
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परिवार के सूत्रों ने बताया कि रंगमंच, बॉलीवुड और मराठी फिल्मों में काम कर चुके लागू का मंगलवार देर शाम एक निजी अस्पताल में निधन हो गया.
वह 92 वर्ष के थे और उन्होंने दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में अंतिम सांस ली.
श्रीराम लागू ने 100 से ज्यादा हिंदी और 40 से ज्यादा मराठी फिल्मों में काम किया. 'आहट: एक अजीब कहानी', 'पिंजरा', 'मेरे साथ चल', 'सामना', 'दौलत' 'देवता', 'देस परदेस', 'लावारिस', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'इंकार' और 'साजन बिन सुहागन' जैसी कई फिल्मों में श्रीराम की एक्टिंग को काफी सराहा गया. 1978 में फिल्म घरौंदा के लिए डॉ. लागू को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया.
डॉ. लागू प्रसिद्ध नाटक नट सम्राट के पहले हीरो थे. इस नाटक में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है. नट सम्राट नाटक में उन्होंने अप्पासाहेब बेलवलकर की भूमिका निभाई थी, जिसे मराठी थिएटर के लिए मील का पत्थर माना जाता है. (इनपुट IANS से भी)