तेलंगाना के साइबराबाद में 27 और 28 नवंबर की दरमियानी रात को चार लोगों ने एक महिला पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इस घटना की गूंज सड़क से लेकर संसद तक सुनाई दी। आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। शुक्रवार को जब तेलंगाना पुलिस चारों आरोपियों को नेशनल हाईवे-44 के नजदीक स्थित घटनास्थल पर क्राइम सीन को रिकंस्ट्रक्ट करने के लिए लेकर गई तो उन्होंने भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस से हुई मुठभेड़ में चारों आरोपी मारे गए।
दोस्तो मिली जानकारी के मुताबिक अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद इन चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले गई थी ताकि 'सीन ऑफ क्राइम' (रिक्रिएटशन) की पड़ताल की जा सके। लेकिन उनमें से एक आरोपी ने पुलिसकर्मी का हथियार छीन कर भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर यह आरोपी भाग जाते तो बड़ा हंगामा खड़ा हो जाता इसलिए पुलिस के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था और जवाबी फायरिंग में चारो आरोपी मारे गए।
दोस्तो इस डिवेलपमेंट पर सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। कुछ लोग पुलिस को शाबाशी दे रहे हैं। इस एनकाउंटर के लिए पुलिस की तारीफ़ कर रहे हैं। कुछ लोग इस एनकाउंटर पर सवाल भी उठा रहे हैं। एनकाउंटर के तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसकी बड़ी वजह ये है कि चारों आरोपी मारे गए. चारों को गोली लगी। पूछा जा रहा है कि क्या एनकाउंटर के समय उनके हाथ में हथकड़ी थी? अगर नहीं, तो क्यों? क्या क्राइम सीन पर ले जाने के बाद उनकी हथकड़ी खोली गई? किस तरह के हालात बने कि चारों भागने लगे? और किस तरह पुलिस को चारों को गोली मारनी पड़ी? गोली कहां मारी गई?
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