
राहुल का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ निर्णायक तीसरे वनडे में मिली जीत से बड़े स्कोर बनाने के लिए अच्छी सीख मिली जो उनकी टीम लगातार नहीं कर पा रही थी। राहुल ने कहा, 'हमें पहले बल्लेबाजी करते हुए अपने प्रदर्शन में सुधार की जरूरत थी। कई बार हम शुरू से ही 200 रन बनाने की सोचकर उतरते हैं। टी-20 में कोई भी स्कोर काफी नहीं है। हर बार लगता है कि 10-15 रन कम है।'
उन्होंने कहा, 'कई बार हम जरूरत से ज्यादा प्रयास कर जाते हैं। पहले बल्लेबाजी करते हुए और लक्ष्य देते हुए ऐसा होता है और यह सिर्फ टी-20 में ही नहीं बल्कि हर प्रारूप में है। हमारे लिए यह अच्छा सबक रहा। उम्मीद है कि आगे भी हम बार-बार ऐसा कर सकेंगे।'
राहुल ने स्वीकार किया कि पहले बल्लेबाजी करते हुए काफी दबाव रहता है और अतीत में टीम नाकाम रही है। उन्होंने हालांकि कहा कि टीम ने अपनी गलतियों से सबक लेकर सीखा है। टीम में चयन को लेकर राहुल ने कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि दबाव नहीं था। टीम से भीतर-बाहर होना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होता। मैं उस मुकाम पर नहीं हूं कि अगले टूर्नामेंट में टीम में अपनी जगह को लेकर सोचता रहूं। मेरे वश में यही है कि मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सकूं। टीम के लिए मैच जीतना चाहता हूं और अपनी बल्लेबाजी का पूरा लुत्फ उठाना चाहता हूं।'