
श्रीराम लागू मराठी थियेटर में लीजेंड थे, खास बात ये है कि वे पेशे से डॉक्टर थे, वे नाक-कान और गले के सर्जन थे। 16 नवंबर 1927 को महाराष्ट्र के सतारा में जन्मे श्रीराम लागू का थियेटर के विकास में अतुलनीय योगदान था।
एक्ट्रेस रेणुका शहाणे ने श्रीराम लागू के श्रद्धांजलि दी-
श्रीराम लागू के निधन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करके दुख जाहिर किया है। प्रकाश जावड़ेकर लिखते हैं- महान कलाकार श्रीराम लागू को मेरी श्रद्धांजलि। हमने एक बहुमुखी व्यक्तित्व को खो दिया है। एक अद्वितीय थिएटर अभिनेता ने सिल्वर स्क्रीन पर अपना दबदबा बनाया और प्रभाव पैदा किया। वह एक साथ सामाजिक कार्यकर्ता थे।
My tributes to all time great artist Shreeram Lagoo. We have lost a versatile personality. A unique theatre actor dominated silver screen and created impact. He was social activists simultaneously.
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नितिन गडकरी लिखते हैं- वरिष्ठ अभिनेता श्रीराम लागू की मौत से मराठी नाटक को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने पिंजरा, सामना और नटसम्राट, हिमालयन शैडो जैसी फिल्मों के माध्यम से मराठी सिनेमा-नाटकों को जीवंत किया। मेरी डॉ लागू को विनम्र श्रद्धांजलि।
ज्येष्ठ अभिनेते श्रीराम लागू यांच्या निधनाने मराठी नाट्यसृष्टीचे कधीही भरून न निघणारे नुकसान झाले आहे. पिंजरा, सामना यांसारखे चित्रपट आणि नटसम्राट, हिमालयाची सावली यांसारख्या अजरामर नाटकांमधून त्यांनी मराठी चित्रपट-नाट्यसृष्टी जीवंत केली. माझी डॉ लागू यांना विनम्र श्रद्धांजली.
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1978 में फिल्म घरौंदा के लिए डॉ लागू को सर्वेश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार सौंपा गया। 70 के दशक में डॉ लागू देश के एक महान थियेटर कलाकार के रूप में स्थापित हो चुके थे। श्रीराम लागू प्रसिद्ध नाटक नट सम्राट के पहले हीरो थे।