खून का प्रवाह शरीर में सही होना आवश्यक होता है। हालांकि हमारी गलत आदतें, गलत खानपान, गलत जीवनशैली और बीमारियां इन सभी वजह से खून का प्रवाह शरीर में बाधित होता है। इनकी वजह से आप कई बार परेशानी में पड़ जाते हैं।
ये होते हैं खून के प्रवाह के बाधित के लक्षण
अचानक से हाथ-पैर सुन्न हो जाना और झुनझुनी और सनसनी पैरों में होना। सूजन हाथों और पैरों में आना। ऐंठन जैसा महसूस होना या जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना।
त्वचा के ऊपर से शरीर की नसें नीली या उभर जाना। थकान महसूस होना हर समय। एकाग्र नहीं हो पाना किसी भी काम में। त्वच के रंग में बदलाव आ जाना। कब्ज की परेशानी शुरु हो जाना।
लहसुन
लहसुन का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। एसिलिन लहसुन में पाया जाता है साथ ही सल्फर की मात्रा लहसुन में बहुत होती है। शरीर में खून के प्रवाह की परेशानी को लहसुन ठीक करता है। हर रोज लहसुन खाने से शरीर में खून का प्रवाह सही होता है साथ ही दिल की बीमारियों से भी लहसुन बचाता है।
अनार
पॉलिफेनॉल्स और नाइट्रेट अनार में होता है जो ऑक्सिडेशन को मांसपेशियों के टिशूज में जाने से रोकता है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी शरीर के अंदर अनार के सेवन से सही होता है।
ऐवकाडो
शरीर में खून के प्रवाह को सही रखने में ऐवकाडो भी अच्छा होता है। ऐवकाडो दिल की बीमारी से भी बचाता है। ऐवकाडो को सुपरफूड भी कहा जाता है। ओमेगा-3 फैटी ऐसिड की मात्रा ऐवकाडो में होती है। ओमेगा-3 फैटी ऐसिड की मात्रा जानवारों से मिलने वाले खाने के मुकाबले ज्यादा होती है। इसलिए शाकाहारियों को ऐवकाडो खाने की सलाह दी जाती है। कई बीमारियों में ऐवकाडो और अनार लाभकारी होते हैं। टमाटर खाना पथरी के मरीजों के अलावा बाकी सबके लिए लाभकारी होता है।
प्याज
कई सारे ऐंटीऑक्सिडेंट्स प्यास में पाए जाते हैं। यह ऐंटीऑक्सिडेंट्स धमनियों को बंद करने से रोकते हैं। शरीर में ब्लड सर्कुलेशन हर रोज 4 ग्राम प्याज खाने से सही बना रहता है।
टमाटर
एसीई ऐंजाइम धमनियों को जाम करता है और इन्हें जाम करने वाले इस ऐंजाइम को टमाटर रोकता है। ब्लड सर्कुलेशन को भी टमाटर सही करता है।