भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने जब बीसीसीआई अध्यक्ष (BCCI President) का पद संभाला था, तभी उन्होंने साफ कर दिया था कि वे पूर्व क्रिकेटरों को बीसीसीआई से जोड़ेंगे ताकि टीम इंडिया (Team India) के भविष्य के लिए मिलकर और बेहतर काम किया जा सके. अब ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने इस पर काम करना शुरू भी कर दिया है. खबरों के अनुसार, गांगुली पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) को बीसीसीआई में अहम जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. सब कुछ सही रहा तो फिर रविवार एक दिसंबर को होने वाली बीसीसीआई की एजीएम में इसका फैसला हो सकता है.
क्रिकेट सलाहकार समिति में हो सकती है सचिन-लक्ष्मण की वापसी
दरअसल, बीसीसीआई (BCCI) के शीर्ष अधिकारी ने बताया है कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) को दोबारा क्रिकेट सलाहकार समिति (Cricket Advisory Committee) में शामिल किया जा सकता है. सचिन और लक्ष्मण बीसीसीआई द्वारा बनाई गई क्रिकेट सलाहकार समिति में शामिल थे, जिन्होंने रवि शास्त्री को भारतीय टीम का कोच चुना था. तब समिति के तीसरे सदस्य सौरव गांगुली थे. हालांकि हितों के टकराव (Conflict Of Interest) के चलते इसी साल जुलाई में सचिन और लक्ष्मण क्रिकेट सलाहकार समिति से अलग हो गए थे. सूत्रों ने बताया, 'सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति में वापसी हो सकती है.'
बीसीसीआई की एजीएम कल
बीसीसीआई (BCCI) की 88वीं एनुअल जनरल मीटिंग रविवार 1 दिसंबर को मुंबई में आयोजित होगी. इसमें कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं, जिनमें क्रिकेट सलाहकार समिति (Cricket Advisory Committee) में सचिन (Sachin Tendulkar) और लक्ष्मण (VVS Laxman) की वापसी का फैसला भी शामिल है. अगर ऐसा होता है तो नए चयन पैनल को चुनने का काम भी क्रिकेट सलाहकार समिति के जिम्मे होगा. बता दें कि एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) की अगुआई वाली चयन समिति का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है. सचिन, लक्ष्मण और गांगुली की मौजूदगी वाली क्रिकेट सलाहकार समिति तब मुश्किल में आ गई थी जब बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन के सामने उनका हितों के टकराव का मामला पहुंचा था.
क्या हितों के टकराव के नियम में मिलेगी छूट?
बीसीसीआई (BCCI) का 39वां अध्यक्ष बनते ही सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने घरेलू क्रिकेटरों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और आईसीसी से बीसीसीआई को मिलने वाले फंड की वापसी सुनिश्चित करने को अपने एजेंडे के अहम कामों में बताया था. इतना ही नहीं, गांगुली के प्रयासों के चलते ही भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने इतिहास का पहला डे-नाइट टेस्ट मैच भी खेला, जिसमें टीम ने बांग्लादेश को पारी और 46 रन से मात दी. सौरव गांगुली ने अब हितों के टकराव (Conflict Of Interest) को लेकर भी नियमों में छूट की पैरवी की है ताकि पूर्व क्रिकेटर इस खेल के विकास और बेहतरीन में अपना बेशकीमती योगदान दे सकें.
एमएस धोनी पर सौरव गांगु

दरअसल, बीसीसीआई (BCCI) के शीर्ष अधिकारी ने बताया है कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) को दोबारा क्रिकेट सलाहकार समिति (Cricket Advisory Committee) में शामिल किया जा सकता है. सचिन और लक्ष्मण बीसीसीआई द्वारा बनाई गई क्रिकेट सलाहकार समिति में शामिल थे, जिन्होंने रवि शास्त्री को भारतीय टीम का कोच चुना था. तब समिति के तीसरे सदस्य सौरव गांगुली थे. हालांकि हितों के टकराव (Conflict Of Interest) के चलते इसी साल जुलाई में सचिन और लक्ष्मण क्रिकेट सलाहकार समिति से अलग हो गए थे. सूत्रों ने बताया, 'सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति में वापसी हो सकती है.'
बीसीसीआई की एजीएम कल
बीसीसीआई (BCCI) की 88वीं एनुअल जनरल मीटिंग रविवार 1 दिसंबर को मुंबई में आयोजित होगी. इसमें कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं, जिनमें क्रिकेट सलाहकार समिति (Cricket Advisory Committee) में सचिन (Sachin Tendulkar) और लक्ष्मण (VVS Laxman) की वापसी का फैसला भी शामिल है. अगर ऐसा होता है तो नए चयन पैनल को चुनने का काम भी क्रिकेट सलाहकार समिति के जिम्मे होगा. बता दें कि एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) की अगुआई वाली चयन समिति का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है. सचिन, लक्ष्मण और गांगुली की मौजूदगी वाली क्रिकेट सलाहकार समिति तब मुश्किल में आ गई थी जब बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन के सामने उनका हितों के टकराव का मामला पहुंचा था.
क्या हितों के टकराव के नियम में मिलेगी छूट?
बीसीसीआई (BCCI) का 39वां अध्यक्ष बनते ही सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने घरेलू क्रिकेटरों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और आईसीसी से बीसीसीआई को मिलने वाले फंड की वापसी सुनिश्चित करने को अपने एजेंडे के अहम कामों में बताया था. इतना ही नहीं, गांगुली के प्रयासों के चलते ही भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने इतिहास का पहला डे-नाइट टेस्ट मैच भी खेला, जिसमें टीम ने बांग्लादेश को पारी और 46 रन से मात दी. सौरव गांगुली ने अब हितों के टकराव (Conflict Of Interest) को लेकर भी नियमों में छूट की पैरवी की है ताकि पूर्व क्रिकेटर इस खेल के विकास और बेहतरीन में अपना बेशकीमती योगदान दे सकें.
एमएस धोनी पर सौरव गांगु