Friday, 29 November 2019

38 साल के हुए फवाद खान, जानिए उनके जीवन के बारे में दिलचस्प बातें

फवाद खान Fawad Khan का जन्‍म कराची में हुआ था। उन्‍होंने अपने जीवन के शुरूआती साल विदेश में बिताए हैं। एक इंटरव्‍यू के दौरान फवाद खान Fawad Khan ने बताया कि उनके पिता की नौकरी ही ऐसी थी कि उन्‍हें एक ज‍गह से दूसरे जगह जाना ही पड़ता था।इस वजह से वे एथेंस, दुबई, सऊदी अरबिया, रियाध जैसी जगहों पर गए और फिर गल्‍फ युद्ध के दौरान मैनचेस्‍टर गए, फिर पिता के रिटायरमेंट के बाद लाहौर वापस लौट आए। वे उस वक्‍त 13 साल के थे और उसके बाद से वे लाहौर में ही रहने लगे। फवाद खान Fawad Khan ने एलजीएस लाहौर से ए-लेवल की पढ़ाई की।



उन्‍होंने कम्‍प्‍यूटर साइंस में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ कम्‍प्‍यूटर एंड इमरजिंग साइंसेज, लाहौर से स्‍नातक की डिग्री प्राप्‍त की। फवाद खान Fawad Khan ने अपने बचपन की गर्लफ्रेंड रहीं सदफ आफताब से 8 साल के लंबे रिलेशन के बाद शादी की जिनसे उन्‍हें 1 लड़का अयान भी है।



फवाद Fawad Khan टीवी पर पहली बार जूट एंड बांड में दिखाई दिए। 2007 में उन्‍होंने पाकिस्‍तानी फिल्‍म खुदा के लिए में काम किया। फिल्‍म को काफी सफलता भी मिली लेकिन खान इससे ज्‍यादा खुश नहीं हुए क्‍योंकि उस समय वे पाकिस्‍तानी सिनेमा के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर से संतुष्‍ट नहीं थे।



इसके बाद उन्‍होंने टीवी में ही काम करने का निर्णय लिया। इसके बाद वे पूरी तरह से टीवी में ही रम गए और सतरंगी, दिल देके जाएंगे और जीवन की राहों में जैसे प्रोग्राम्‍स में दिखाई दिए। वह 2010 का समय था जब उन्‍हें दास्‍तान नाम के पीरियाडिक ड्रामा में उनके हसन नाम के किरदार को आलोचकों और दर्शकों ने खूब सराहा।


 
फवाद Fawad Khan की बॉलीवुड पारी फिल्‍म 'खूबसूरत' से शुरू हुई। इस फिल्‍म में उनकी हीरोइन सोनम कपूर Sonam Kapoor थी। फिल्‍म को जनता और आलोचकों से ठीक-ठाक रेस्‍पांस मिला। वहीं फवाद Fawad Khan को आलोचकों ने सराहा और फवाद को फिल्‍म की हाईलाइट में से एक बताया।



फिल्‍म को यूके, यूएई और पाकिस्‍तान में भी सराहा गया क्‍योंकि सीरियल्‍स में काम करने की वजह से उनकी इन देशों में भी अच्‍छी फैन फालोइिंग है। खान नियमित तौर पर टीवी शोज के लिए लिखे जाने वाले सीन्‍स के लिए भी जाने जाते हैं।



अपनी इस इच्‍छा को पूरा करने के लिए उन्‍होंने अपनी टेलीफिल्‍म अरमान के स्‍क्रीनप्‍ले में सह-लेखन किया है। वे पाकिस्‍तान और विदेशों में भी बराबर चैरिटी और समाज से जुड़े मुद्दे पर आगे रहते हैं।



उनकी चैरिटी में शौकत खानुम मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल और इस्‍लामिक रिलीफ शामिल है।