Friday, 29 November 2019

पूरी दुनिया में केवल 100 लोगों को है ये बीमारी-रोने, नहाने पर लग जाती है पाबंदी

अमेरिका के कैलिफोर्निया (California) में रहने वाली एक 21 वर्षीय लड़की दो महीने में एक बार नहाती है. वो भी मजबूरी में. टेसा हेन्सेन-स्मिथ नाम की इस खूबसूरत लड़की के रोने और खेलने पर भी पाबंदी है. ऐसा नहाने के डर या किसी सामाजिक कुप्रथा के चलते खेलने न दिया जाए ऐसा नहीं है. टेसा को पानी से एलर्जी की (Rarest of Rare Diesease) ऐसी बीमारी है जो दुनिया में बमुश्किल 100 लोगों को होगी. इस दुर्लभ बीमारी का नाम है एक्वाजेनिक यूर्टिकारिया (Aquagenic urticaria).
डेलीमेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जब टेसा केवल नौ साल की थी तब उसे पहली बार नहाने के बाद शरीर में धब्बे हो गए. इन धब्बों में खुजली की परेशान के बाद टेसा की मां को लगा कि उसे साबुन या शैम्पू से एलर्जी होगी. लेकिन टेमा को थोड़ी देर में माइग्रेस के साथ बुखार आ गया. पेशे से डॉक्टर टेसा की मां को चिंता तब हुई जब यह बार-बार होने लगा.




जांच करवाने पर पता चला कि टेसा को एक बेहद दर्लभ बीमारी है. इस बीमारी में इंसान को पानी से एलर्जी हो जाती है. यह एलर्जी केवल पानी तक सीमित नहीं रहती. इसमें इंसान को अपने ही पसीने, आंसू और थूक तक से परेशानी हो सकती है. दुनियाभर में यह बीमारी बमुश्किल 50 से 100 लोगों को होगी. इस बीमारी के महिलाओं को होने की आशंका अधिक रहती है खासकर जब वो किशोरावस्था में प्रवेश करतीं हैं. इस एलर्जी एलर्जी के दाग शरीर पर उभरने के 30 से 60 मिनट में गायब हो जाते हैं लेकिन इसके बाद माइग्रेन और तेज बुखार पीड़ित को अपने चपेट में ले लेता है.




विशेषज्ञों की मानें तो यह बीमारी किसी को भी हो सकती है. इसका अभी तक कोई खास लक्षण या पारिवारिक पृष्ठभूमि से कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है. दुर्लभ होने के कारण इसके बारे में ज्यादा शोध भी उपलब्ध नहीं है. इस बीमारी से पीड़ित टेसा दिन में नौ गोलियां खाती हैं. उनका कहना है कि पहले तो वो दिन में 12 टैबलेट खाया करती थीं. इस दवाई से वो एलर्जी से होने वाले नुकसान को कम कर सकतीं हैं. इन एंटीहिस्टामाइन टेबलेट्स के अलावा इस बीमारी के इलाज में अल्ट्रावायलेट किरणों, स्टेरॉइड्स और क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है.