Tuesday 17 September 2019

पहली बार ओपनिंग पर आए सहवाग ने 70 गेंदों मे ठोके थे इतने रन कि जानकर विश्वास नहीं होगा

जिस तरह महेंद्र सिंह धोनी को मैच का अंत छक्के मारकर करने के कारण जाना जाता है उसी तरह सहवाग को मैच की पहली ही गेंद पर चौका लगाने के लिए।
2011 में जब टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीता था तब सहवान ने हर मैच में अपने रनों का खाता चौका मारकर ही खोला था। कई मैच ऐसे थे जब उन्होंने पहली ही गेंद पर चौका लगाया।

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लेकिन! आज हम आपको बताने जा रहे हैं, वीरेंद्र सहवाग का वह पहला मैच जिसमें उन्होंने ओपनिंग पर आते ही न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाकर रख दी थी।
हम बात कर रहे 2001 में हुई कोका कोला कप सीरीज की। 

2001 की इस पारी ने टीम इंडिया को दिया विस्फोटक ओपनर


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सीरीज के तहत नौवां मैच भारत और न्यूजीलैंड का होना था। न्यूजीलैंड के लिए मैथ्यू सिन्क्लेयर और नाथन एस्टेल ने शुरुआत की।
हालांकि, सिन्क्लेयर को जहीर खान ने मात्र 3 रन पर बादानी के हाथों कैच करवाकर टीम इंडिया को बढिय़ा शुरुआत दी।
लेकिन दूसरी तरफ एस्टेल ने कप्तान फ्लेमिंग के साथ मिलकर न्यूजीलैंड का स्कोर आगे बढ़ाना शुरु कर दिया।
अपने स्वभाव से ऊलट एस्टल ने 143 गेंदों में नौ चौके पर 108 रन बनाए।
इसी तरह फ्लेमिंग ने 91 गेंदों में सात चौकों की मदद से 66 रन बनाए।
मध्यक्रम के बल्लेबाज लियो विंसेट ने तीन चौके और दो छक्कों की मदद से 45 रन बनाकर न्यूजीलैंड का स्कोर 264 तक पहुंचाया।

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इसके बाद सचिन तेंदुलकर की गैरमौजूदगी में ओपनिंग के लिए प्रमोट हुए सहवाग ने कप्तान सौरव गांगुली के साथ मिलकर न्यूजीलैंड के बॉलरों की यूं बखियां उधेड़ी कि क्रिकेट जगत इस नए बल्लेबाज की शॉट सेलेक्शन देखकर हैरान हो गए।
सहवाग ने इस मैच में 19 चौके और एक छक्का लगाया। इसके साथ ही उन्होंने 70 गेंदों में शतक भी जड़ डाला था।
सहवाग ने धुआंधार पारी खेलते हुए 142 के स्ट्राइक रेट के साथ 19 चौके और एक छक्के की मदद से सिर्फ 70 गेंदों में 100 रन बना डाले थे।
ऐसा कर उन्होंने मोहम्मद अजहरुद्दीन (62 गेंदों में 100 विरुद्ध न्यूजीलैंड) के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड बनाया था।
सहवाग की पिटाई का आलम यह रहा कि टीम इंडिया का 23 ओवर में ही स्कोर 143 रन हो गया था।
इसके बाद राहुल द्रविड़ ने 57 तो हेमांग बादानी ने 35 रन बनाकर टीम इंडिया को जीत दिला दी।
सहवाग ने मैच के दौरान न्यूजीलैंड के सभी प्रमुख गेंदबाजों डैरल टफी, काइल्स मिल्स और डयूक नैश से छह से ज्यादा की औसत से रन खींचे।

सहवाग को ओपनर बनाने में गांगुली का था हाथ


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सहवाग को एक अच्छा ओपनर बनाने में उस समय के कप्तान सौरव गांगुली ने एक खास भूमिका निभाई थी।
दरअसल, जब सहवाग को टीम में चुना गया था उस समय उन्हें लोअर ऑर्डर में बल्लेबाजी करवाई गई थी।
उन्होंने इस शतक से पहले शुरुआती 11 मैचों में लोअर ऑर्डर पर बल्लेबाजी की।
लेकिन टीम के कप्तान गांगुली को लगा कि सहवाग पुरानी गेंद से खेलने वाले बल्लेबाज नहीं बल्कि नई गेंद से बल्लेबाजी के लिए ही बने हैं और सहवाग के पास अच्छा फुटवर्क भी है.
फिर क्या था गांगुली ने उन्हें इसी मैच में ओपनिंग करने के लिए कहा और फिर सहवाग भी गांगुली की उम्मीदों पर खरे उतरे।
बता दे, सहवाग ने कुल 251 वनडे मैच खेले हैं और इनमें से सिर्फ शुरुआती 11 मैचों के अलावा वो टीम में हमेशा बतौर ओपनिंग बल्लेबाज ही खेले।
सहवाग की ओपनिंग बल्लेबाजी का विरोधी टीम में इतना खौंफ रहता था कि चाहे 10 ओवर तक सहवाग के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हों लेकिन पिच पर उनकी मौजूदगी ही विरोधी टीम और उनके गेंदबाजों के मन में दहशत पैदा कर देती थी।

एक नज़र सहवाग के क्रिकेट करियर पर


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सहवाग ने भारत के लिए बतौर ओपनर 104 टेस्ट और 251 वनडे मैच खेले.
जहां! सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में 47.34 के औसत और 82.34 के स्ट्राइक रेट से 8586 रन बनाये।
वही! वनडे क्रिकेट में 35.05 की औसत और 104.33 के धमाकेदार स्ट्राइक रेट से 8273 रन जोड़े.
सहवाग का स्ट्राइक रेट भी उन्हें क्रिकेट के तमाम महान बल्लेबाजों से अलग खड़ा करता है.

एक नज़र सहवाग के अद्भुत रिकॉर्ड्स पर भी

-दुनिया में अकेले ऐसे बल्लेबाज रहे हैं जिन्होंने 28 बार अपनी पारी की शुरुआत चौका जड़कर की है। अपने पहले प्रथम श्रेणी मैच में नंबर सात पर बल्लेबाजी करते हुए शतक लगाया। 
-सहवाग ने 25 बार शतक, दोहरा शतक और तिहरा शतक गेंद को सीमा रेखा से बाहर पहुंचा कर पूरा किया है। अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच में नंबर छह पर बल्लेबाजी करते हुए शतक लगाने का कारनामा भी सहवाग के नाम है। 
- 'मुल्तान के सुल्तान' नाम से मशहूर सहवाग ने साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में जो किया वो हर किसी को अच्छी तरह याद है। सहवाग ने इस टेस्ट मैच में तेज बल्लेबाजी करते हुए 309 रनों की यादगार पारी खेली थी। इस टेस्ट में सहवाग ने सिक्स मार कर तिहरा शतक पूरा किया था। ऐसा करने वाले सहवाग दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं.
-सहवाग ने 2008 में चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गेंदो की संख्या के हिसाब से सबसे तेज तिहरा शतक (278 बॉल) में लगाया था। जो आज भी एक विश्व रिकॉर्ड है.
-सहवाग बतौर कप्तान एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं. सहवाग ने साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में खेले गए चौथे वनडे मैच में जब 219 रनों की पारी खेली तब वह टीम के कप्तान थे।
-सहवाग के नाम एक और विश्व कीर्तिमान दर्ज हैं. दरअसल वीरू दुनिया के एकलौते ऐसे खिलाड़ी है. जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो-दो तिहरे शतकों के साथ एक पारी में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड भी बनाया हैं.