धर्म के नाम पर अखंड भारत का विभाजन करने वाले पाकिस्तान के निर्माता मोहम्मद अली जिन्ना स्वयं हिंदू परिवार संबंध रखते थे. मोहम्मद अली जिन्ना के दादा का नाम प्रेमजीभाई मेघजी ठक्कर था और वह गुजरात के काठियावाड़ के पनेली गांव के रहने वाले थे.
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प्रेमजी मछली के बहुत बड़े व्यापारी थे. उनका मछली का कारोबार विदेशों में फैला हुआ था. लेकिन प्रेमजी लोहना जाति से संबंध रखते थे, जो वैश्य होते हैं. प्रेमजी के जाति वालों को मांसाहार से नफ़रत थी. इसलिए वह प्रेमजी के मछली के कारोबार से नाराज थे. उनके जाति वालों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर वह मछली का कारोबार नहीं छोड़ेगे तो उनके परिवार का बहिष्कार किया जाएंगा.
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जिन्ना के दादा प्रेमजी तो हिंदू बने रहे लेकिन उनके पुत्र और मोहम्मद अली जिन्ना के पिता पुंजालाल ठक्कर ने अपने जाति के बहिष्कार से तंग आकर हिंदू धर्म छोड़ दिया और इस्लाम धर्म को अपना लिया और अपने 4 पुत्रों को भी इस्लाम में दाखिल कर दिया. उसके बाद वह गुजरात से कराची चले गए. कराची में उन्होंने मछली का कारोबार खूब जमाया.
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कराची जाने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना का जन्म हुआ. जीना ने मैट्रिक के बाद इंग्लैंड में अपनी वकालत की तालीम पूरी की और 19 साल की उम्र में वकील बन गए. अपने शुरुआत के दिनों में वह इस्लाम से अपने आप को दूर रखते थे. लेकिन राजनिति उन्हें मुस्लिम लीग की ओर ले गई. आगे चल कर इसी मुस्लिम लीग की राजनिति ने उन्हें कट्टर मुस्लिम विभाजनकारी नेता बनाकर खड़ा किया जिसके फलस्वरूप भारत का इस्लाम धर्म के नाम पर विभाजन हुआ. भारत के राज्य गुजरात में आज भी मोहम्मद अली जिन्ना के कई रिश्तेदार हैं जो हिंदू हैं. इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप Wikipedia.org पर जा सकते हैं और मोहम्मद अली जिन्ना के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ सकते है.