Sunday 25 August 2019

शमशान घाट से वापिस लौटकर क्यों ज़रूरी होता है स्नान, वजह कर देगी आपको हैरान

बेशक आज हम बहुत मॉडर्न हो चुके हैं लेकिन गौर कीजिये तो कुछ ना कुछ ऐसी बात ज़रूर होगी जिसे हम आज भी पुरानी रीति-रिवाजों के हिसाब से ही करते होंगे. ढूँढने बैठिये तो ऐसी एक दो नहीं कई बातें निकल कर सामने आएँगी. वैसी आज की मॉडर्न पीढ़ी को बेशक ये बातें दकियानूसी ख्यालों वाली लगे लेकिन असल में इन पुरानी मान्यतों में काफी दम और असर होता है. ऐसी ही एक पुरानी मान्यता है जिसके अनुसार अगर कोई भी इंसान शमशान घाट जाता है या फिर किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होता है तो उसे वापिस घर आकर नहाना ज़रूर होता है. लेकिन ऐसा क्यों है?
स्वास्थ के नज़रिए से नहाना है बेहद ज़रूरी
ऐसा माना गया है कि शवयात्रा में जाना तो पुण्य का काम है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि श्मशान में जाने से हमारा शरीर अशुद्ध हो जाता है. ऐसे में शरीर की शुद्धि के लिए श्मशान से लौटकर नहा लेना चाहिए.
इसके अलावा श्मशान के वातावरण में जलते हुए शवों की वजह से तेज दुर्गंध फैलती है और कई प्रकार के (न दिखाई देने वाले)सुक्ष्म कीटाणु फैल जाते हैं. ये कीटाणु श्मशान में मौजूद लोगों के कपड़ों पर और बालों पर चिपक जाते हैं. ऐसे में इन कीटाणुओं से भी छुटकारा नहाने से मिल सकता है.
ऐसा माना जाता है कि अगर श्मशान से लौटकर कोई नहायेगा नहीं तो ये कीटाणु हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसीलिए किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए श्मशान से लौटकर तुरंत नहा लेना चाहिए.
इसके अलावा पुरानी मान्यता के ही अनुसार ये भी कहा जाता है कि जब भी कोई व्यक्ति किसी की अंतिम यात्रा में शामिल होता है तो उसके बाद नहाए बिना वह कोई भी पूजा-पाठ नहीं कर सकता है.
भगवान की पूजा पाठ करने के लिए शरीर का शुद्ध होना बेहद ज़रूरी होता है. ऐसे में शमशान से वापिस आकर सबसे पहले नहाना चाहिए और उसके बाद ही कोई अन्य काम करना चाहिए.