
हड्डी बनाने के लिए शरीर कैल्शियम और फॉस्फेट खनिजों का उपयोग करता है। हृदय और मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों को चालू रखने के लिए शरीर हड्डियों में रहने वाले कैल्शियम को फिर से जज्ब कर लेता है

ताकि खून में कैल्शियम का स्तर बनाकर रखा जा सके। ऐसे में कैल्शियम इनटेक (भोजन में कैल्शियम की मात्रा) कम हो या शरीर खाद्य पदार्थों से पर्याप्त कैल्शियम न प्राप्त करे तो अस्थि निर्माण या अस्थि टिश्यू प्रभावित हो सकता है। नतीजतन हड्डियां कमजोर, भंगुर या नाजुक हो सकती हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस आमतौर पर रजोनिवृत्त महिलाओं में होता है, लेकिन पुरुषों और महिलाओं में 40 साल के बाद होता है। ऑस्टियोपोरोसिस अकसर उम्र बढ़ने पर होता है, क्योंकि बोन टिश्यू के नष्ट होने की रफ्तार बढ़ती जाती है, खासकर उनके मामले में जो 65 साल से ऊपर के हैं।

ऑस्टियोपोरोसि के कुछ भी कारण हो सकते हैं। गोरी त्वचा, छोटी अस्थि संरचना, परिवार में इसका इतिहास, शरीर का कम वजन, कम कैल्शियम वाला भोजन, निष्क्रिय जीवनशैली, अत्यधिक अल्कोहल का सेवन, तंबाकू का उपयोग, स्टेरॉयड आदि का उपयोग भी इसका कारण हो सकते हैं।
हड्डियों के कमजोर होने के शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, पर इसकी वजह से एक बार हड्डियां कमजोर हो जाएं तो कमर दर्द शुरू हो सकता है। यह वर्टिब्रा (रीढ़ की हड्डी) में चोट या फ्रैक्चर के कारण हो सकता है।