Sunday 11 August 2019

पंजाबी फिल्मो का सुपरस्टार था धर्मेंद्र का ये भाई, शूटिंग के दौरान गोलियों से भून दिया गया


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नमस्कार दोस्तों! एक बार फिर से आप सभी का स्वागत करते हैं हमारे चैनल पर। दोस्तों आगे बढ़ने से पहले मेरी आपसे विनती है की ऊपर दिए गए फॉलो बटन को छू कर हमें फॉलो करें। दोस्तों आप सभी बॉलीवुड के हिमैन सुपरस्टार धर्मेन्द्र के बारे में तो जानते ही होंगे, इन्हे बॉलीवुड में किसी पहचान का जरूरत नहीं है, इन्होंने शोले, धरम वीर, ऐलने जंग, मैदाने जंग, हुकूमत जैसे अनगिनत ब्लॉकबस्टर और सुपरहिट फिल्में की हैं। आज के इस आर्टिकल में हम सुपरस्टार धर्मेन्द्र का नहीं बल्कि उनके भाई के बारे में बताने वाले हैं, जिसे शायद आप नहीं जानते होंगे। जी हां दोस्तों आप सही सुन रहे हैं। बता दे की सुपरस्टार धर्मेन्द्र का भाई वीरेंद्र सिंह पंजाबी फिल्मों के सुपरस्टार रह चुके थे। इन्होंने अपने 12 साल के फिल्मी करियर में 25 पंजाबी फिल्में बनाई सभी के सभी सुपरहिट रहे थे। बता दे की इन्होंने 2 हिंदी फिल्म भी बनाया था, खेल मुकद्दर का और दो चेहरे दोनो फिल्में सुपरहिट रही थी। लेकिन बता दे की एक दिन शूटिंग के दौरान इन्हे सेट पर ही गोलियों से भून दिया गया था। तो आइए जानें क्या है पूरा मामला.........

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बता दें की बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र के भाई वीरेंद्र सिंह को लेकर हाल में एक खबर आई कि उन पर बायोपिक बनेगी। बताया गया कि इस फिल्म का निर्माण वीरेंद्र सिंह के बेटे रणदीप सिंह करने वाले हैं। निर्माताओं की मानें तो यह फिल्म वीरेंद्र सिंह की हत्या के पीछे रची गई साजिश का पर्दाफाश करेगी। वीरेंद्र सिंह की हत्या शूटिंग के दौरान सेट पर ही कर दी गई थी।

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दरअसल वीरेंद्र सिंह पंजाबी सिनेमा के बहुत बड़े सुपरस्टार थे। 80 के दशक में वीरेंद्र सिंह का एक तरह से पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री पर राज था। हर निर्माता-निर्देशक अपनी फिल्म में वीरेंद्र सिंह को ही लेने के लिए अड़ जाता था। वीरेंद्र सिंह न सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर थे बल्कि एक सक्सेसफुल डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी रहे।

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वीरेंद्र सिंह ने अपने करियर की शुरुआत 1975 में आई फिल्म 'तेरी मेरी एक जिंदड़ी' से की थी जिसमें उनके भाई धर्मेंद्र भी नजर आए थे। कम ही वक्त में वीरेंद्र सिंह पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के इतने बड़े सुपरस्टार बन गए कि उनकी सफलता से चिढ़ने वालों की फौज खड़ी हो गई।

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यही चिढ़ वीरेंद्र सिंह की जान की दुश्मन बन बैठी। 1988 की बात है.. उस वक्त वीरेंद्र सिंह फिल्म 'जट ते जमीन' की शूटिंग कर रहे थे और शूट के दौरान ही उनकी हत्या कर दी गई। वीरेंद्र की उस हत्या में किन लोगों का हाथ था ये पता नहीं चल पाया, लेकिन कहा जाता है कि उनकी लोकप्रियता ही उनकी जान की दुश्मन बन बैठी थी।

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वीरेंद्र सिंह चंद सालों के अंदर ही पंजाबी सिनेमा के राजा बन बैठे और कुछ लोगों से ये बर्दाश्त नहीं हुआ। वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि वीरेंद्र सिंह को कुछ आतंकवादियों ने मार दिया था। दरअसल उस वक्त काफी आतंकी गतिविधियां चल रही थीं। वीरेंद्र सिंह को साफ हिदायत दी गई थी कि ऐसे माहौल में वो शूटिंग ना करें, लेकिन वो नहीं माने और आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गए।