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नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है। आप सभी को पता होगा कि सैफ अली खान बॉलीवुड के एक मशहूर अभिनेता हैं। लेकिन वे पटौदी खानदान के दसवें नवाब भी हैं। सैफ अली खान के पास भोपाल में 5,000 करोड़ की संपत्ति है और इस नाते उनके बेटे तैमूर को उनकी संपत्ति का वारिस होना चाहिए। लेकिन ऐसा संभव नहीं है।
कुछ कारणों के चलते पटौदी प्रॉपर्टी काफी विवादों में घिरी हुई है और इस वजह से सैफ अली खान अपने बेटे तैमूर को उस प्रॉपर्टी का वारिस नहीं बना सकते। सरकार ने एनिमी प्रॉपर्टी प्रोडक्शन एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट संशोधित किया। सैफ अली खान की प्रॉपर्टी भी एनिमी प्रॉपर्टी के अन्तर्गत आ जाती है।
इस एक्ट के तहत कोई व्यक्ति एनिमी प्रॉपर्टी में अपने पुत्र को बारिश होने का दावा पेश करता है तो उसे हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करनी होगी। इसलिए सैफ सीधे-सीधे तैमूर को अपनी प्रॉपर्टी का वारिस नहीं बना सकते।
जायदाद की कहानी हुई यहां से शुरू
सैफ अली खान के परदादा हमीदुल्ला खान की चल-अचल संपत्ति कानून के दायरे में है। भोपाल में सैफ अली खान की 5,000 करोड़ की संपत्ति है और इसके अतिरिक्त उनकी हरियाणा और दूसरे राज्यों में भी करोड़ों की प्रॉपर्टी है।
ये है कारण
सैफ अली खान शर्मिला टैगोर और पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान के बेटे हैं और उनका जन्म 16 अगस्त 1970 को दिल्ली में हुआ था। मंसूर अली खान की मां साजिदा सुल्तान भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह ख़ान की छोटी बेटी थी, जिसके बाद हमीदुल्ला खान ने भोपाल रियासत की कमान अपने हाथों में ले ली और नवाब हमीदुल्लाह ख़ान की बड़ी बेटी बंटवारे के बाद पाकिस्तान चली गई। इसी नाते सैफ अली खान प्रॉपर्टी के असली हकदार हैं और इसके बाद उनका बेटा तैमूर उस प्रॉपर्टी का हकदार होगा।
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