Tuesday 13 August 2019

3 मैच जो सिर्फ एक ही खिलाड़ी के दम पर जीते गये, नं. 1 जैसा फिनिशर ढूंढने से भी नहीं मिलेगा

क्रिकेट बेहद ही रोमांचक खेल है. किसी भी टीम की जीत में उसकी तरफ से खेल रहे सभी 11 खिलाड़ियों का योगादन द्रष्टिगोचर होता है. सभी खिलाड़ी किसी न किसी क्षेत्र में अपनी टीम को योगदान देते हैं.


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लेकिन इसके विपरीत आज के इस लेख में हम आपको उन 3 मैचों के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी एक खिलाड़ी के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर जीते गये थे. आइये जानते हैं इन मैचों के बारे में-

1. माइकल बेवन जैसे फिनिशर बहुत कम देखने को मिले


" लोगों की नींद बर्बाद करने के लिए भगवान मच्छर भेजता है और क्रिकेट में एक जमाना था जब विपक्षी टीम की नींद खराब करने के लिए ऑस्ट्रेलिया माइकल बेवन को भेजता था। "


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ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज माइकल बेवन एकदिवसीय क्रिकेट के एक बेहतरीन मैच फिनिशर रहे। टीम में छठे नंबर पर खेलने वाले बेवन अपनी आतिशी पारी के कारण टीम को मैच जिताने के लिए जाने जाते थे।
कठिन परिस्थितियों में ये अपनी टीम के लिए रन बनाते थे। इन्होंने एकदिवसीय मैचों में कई शानदार पारियां खेली और अपनी टीम को जीत दिलाई। 
बेंसन एंड हेजेज विश्व सीरीज 1995/96 के 5वें एकदिवसीय मैच में इन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ तूफानी पारी खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को संकट से उबारा और सारा दारोमदार अपने कंधे पर लेते हुए टीम को अप्रत्याशित जीत दिलाई।
वर्षा बाधित इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को 43 ओवर में 173 रन बनाने थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के शुरुआत में ही 38 रन पर 6 विकेट गिर गए थे। उसके बाद बेवन और इयान हिली ने मिलकर स्कोर को 74 तक पहुंचाया। ऐसे में पूरी कंगारू टीम उदास दिख रही थी।
लेकिन माइकल बेवन अपनी जगह पर सूर्य की तरह डटे रहे। अंत में बेवन ने मैच की आखिरी गेंद पर चौका जड़कर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला दी। बेवन ने अपनी पारी में 78 रन 88 गेंदों पर बनाए थे। यहीं से आगे बढकर बेवन एक महान फिनिशर साबित हुए।

2- दिनेश कार्तिक



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2018 में श्रीलंका में खेली जा रही टी20 ट्राई सीरीज के फाइनल में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को 4 विकेट से हरा दिया. टीम इंडिया को जीत के लिए 167 रनों की जरूरत थी और उसने आखिरी गेंद पर इस मुकाबले को अपने नाम किया.
टीम इंडिया की जीत में कप्तान रोहित शर्मा ने 56 रन बनाए लेकिन इस जीत के सबसे बड़े हीरो रहे दिनेश कार्तिक, जिन्होंने महज 8 गेंद में नाबाद 29 रन बनाकर टीम इंडिया को ट्राई सीरीज चैंपियन बना दिया.
18वें ओवर की आखिरी गेंद पर जब मनीष पांडे आउट हुए तब दिनेश कार्तिक ने क्रीज पर कदम रखा. टीम इंडिया के हाथ से मैच निकल सा गया था क्योंकि उसे आखरी दो ओवर में 34 रनों की जरूरत थी. बांग्लादेश ने अपने सबसे अच्छे गेंदबाज रुबेल हुसैन को गेंदबाजी पर लगाया और दिनेश कार्तिक ने उनकी जमकर क्लास लगा दी.
रुबेल हुसैन की पहली गेंद पर दिनेश कार्तिक ने लॉन्ग ऑन पर छक्का लगाया. अगली गेंद पर उन्होंने मिड विकेट बाउंड्री पर चौका लगाया. तीसरी गेंद पर कार्तिक ने रुबेल हुसैन की स्लोअर गेंद पर छक्का जड़ दिया.
चौथी गेंद पर कार्तिक चूक गए लेकिन अगली गेंद पर उन्होंने दो रन बटोरे. आखिरी गेंद पर दिनेश ने एक बार फिर चौका लगाकर, रुबेल हुसैन के ओवर में 22 रन बटोर लिए.
अब टीम इंडिया को 6 गेंद में 12 रनों की जरूरत थी और लग रहा था कि टीम इंडिया आसानी से जीत जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बांग्लादेश के मीडियम पेसर सौम्या सरकार ने पहली गेंद वाइड फेंकी और उसके बाद उन्होंने अगली तीन गेंदों पर एक ही रन दिया.
चौथी गेंद पर विजय शंकर ने चौका जड़ा. पांचवीं गेंद पर विजय शंकर कैच आउट हो गए. अब आखिरी गेंद बची थी और टीम इंडिया को 5 रनों की जरूरत थी.
सभी को लग रहा था कि टीम इंडिया के हाथ से ये मैच निकल चुका है लेकिन दिनेश कार्तिक ने सौम्या सरकार की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर टीम इंडिया को 4 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिला दी.
दिनेश कार्तिक के विजयी छक्के के साथ ही सभी भारतीय खिलाड़ियों ने उन्हें गले लगा लिया, वहीं दूसरी ओर बांग्लादेशी खिलाड़ियों के आंखों में मायूसी के आंसू दिखे.

3- स्टुअर्ट बिन्नी ने बांग्लादेश की हालत ख़राब कर दी


"अकेले दम पर मैच जीतने में ज्यादा वर्चस्व बल्लेबाजों का रहा है, लेकिन इसका मतलब ये नही है कि किसी गेंदबाज़ ने अकेले दम पर अपनी टीम को मैच न जिताया हो।"


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भारत ने 2014 में बांग्लादेश दौरे पर तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलने के लिए गई हुई थी। पहला मैच जीत चुकी भारतीय टीम को दूसरे वनडे में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करना पड़ा। भारतीय टीम की बल्लेबाजी बुरी तरह फ्लॉप रही। भारत ने अपने 5 विकेट 65 रन पर गंवा दिये।
टीम का कोई भी बल्लेबाज विकेट पर टिकने की हिम्मत नहीं दिखा सका और पूरी टीम 105 रन पर ऑलआउट हो गई। भारत के लिए सबसे ज्यादा 27 रन कप्तान सुरेश रैना ने बनाए। बांग्लादेश के लिए अपना पहला मैच खेल रहे तस्कीन अहमद ने 5 विकेट चटकाए।
106 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही और उसने 13 के योग पर अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों को खो दिया। लेकिन इसके बाद मोहम्मद मिथुन और मुशफिकुर रहीम ने संभल कर खेलते हुए टीम का स्कोर 44 तक पहुंचाया।
लेकिन इसके बाद जो हुआ वो इतिहास बन गया। अपना तीसरा वनडे मैच खेल रहे स्टुअर्ट बिन्नी ने पहले मुशफिकुर को आउट किया तो अगले ओवर में उन्होने मिथुन और मोहम्मदुल्लाह को पवेलियन भेज दिया। अपना चौथा ओवर लेकर आए बिन्नी ने मशरफे मुर्तजा को भी पवेलियन का रास्ता दिखा दिया।
अपने पांचवें ओवर में बिन्नी ने नासिर हुसैन और अल अमीन को बोल्ड कर बांग्लादेशी पारी को 58 रन पर समेट दिया। इस मैच में बिन्नी ने 4 रन देकर 6 विकेट चटकाए। इसके अलावा मोहित शर्मा ने भी 22 रन देकर 4 विकेट लिये। बिन्नी को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच खिताब से नवाजा गया।